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Archive for मई 5th, 2009


कोकिल कूकत झरन पै अस बौरत बाग़ वसंत के आए
फूलन
फूलि जगावत प्रभु बजावत साज बसंत के आए
प्रेम पयोधि में डूबे हुए अलि गावत राग वसंत के आए
ऋतुराज
आवत सुनी प्रिय ने तव आवत आज वसंत के आए

बिखरी बिखरी अलको में सजी छवि सुन्दर मौन दिखा गई राधा
अभिराम
हँसी अधरों पे लिए कछु ऐसा ही रंग जमा गई राधा
अंग
प्रत्यंग रंगारस रंग कुछ ऐसा ही रंग जमा गई राधा
आखिन
काजर,काजर कोर से प्रेमवियोग जता गई राधा

स्वारथ को परमारथ को वस श्याम से लागत लगी रहना है
चाहे सायानी अयानी कहो पर प्रेम के रंग रंगी रहना है
मान
गुमान नही कुछ है वस मोहन की ही बनी रहना है
नैनन,वैनन,सेनन सो जो कहानी कही सो धरी रहना

अलि जानो नही यह प्रेम है क्या हम यामैं डूबी की डूबी रहे
मिलने की कबो नहि चाह हमे रस रंग में भीगी रहे
मनमंहि वसे अइसे मोहन है जैसे सीपी के बीची मा मोती रहे
अखियाँ
जब बंद हमारी भई हरी सो गर लागी की लागी रहे

डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेलराही

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मरे बादि करनी जगी ,जैहो बैठि विमान
सिंघासन आसन मिली,द्याहैं अपसरा पार
द्याहैं अपसरा पान ,थार सोने का लइहैं
भोजन विविध प्रकार जेवैइहैं चँवर ङोलइहैं
कह बृज़ेश वर्राय गरीबवउ मरौ पेटू पकरे
पूंजीवादी धरमजाल मा,सिगरे सुख पैइहौ मरे

बृजेश भट्ट बृजेश

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बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती दिल्ली की प्रधानमंत्री पद पर बैठ कर देश को उत्तर प्रदेश जैसा बना देनाचाहती है । प्रदेश में जब छात्रों की परीक्षाए चल रही थी तब बिजली नदारद थी अधिकांश गाव में भूख से मौत हो रही थी। भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है । हद तो यहाँ तक हो गई है कि सात सौ रूपी ट्रक मिलने वाली बालू के दाम पॉँच हजार रूपए ट्रक हो गयें है। उसका मुख्य कारण है कि बालू मौरंग के ऊपर पूरे प्रदेश में एक मंत्री जी का एकाधिकार हो गया है और मनमाफिक तरीके से बालू और मौरंग प्रदेश में बिकवा रहे है । जिलो में दलितों को एक दिन में 51 हजार पट्टे कराने का कीर्तिमान बना चुकी बहुजन समाज पार्टी कि सरकार ने ही दलितों को पट्टो के मुकदमो में उलझा चुकी है । 51 हजार दलितों को पट्टा देने का काम एक दिन में सम्भव नही था वसूली हुई और लिस्ट बनी परन्तु दलितों को कब्जा नही मिला ।
बसपा चाहती यह है कि किसी तरह किसी भी नारे और किसी भी तिकड़म से सरकार पर कब्जा बना रहे और दिल्ली कि कुर्सी मिल जाए । आम आदमी कि समस्या का इस दल से कोई लेना देना नही है। दलित,ब्राहमण गठजोड़ हो जाए ,उसमे मुस्लिम जुड़ जायें ,फिर उसमे क्षत्रिय जुड़ जायें ,फिर सवर्ण जुड़ जायें। यह उनका यथास्थितवाद है जैसा है वैसा ही बना रहे । भ्रष्टाचारी ,ब्लैकमेलेर ,जमाखोर , मिलावाटकारी भी मौज में रहे । किसान मजदूर भूखो मर रहा है तो वह मरता रहे ,क्योंकि जब किसान ,मजदूर,मेहनतकस जनता को कोई लाभ देना होगा तो इन तत्वों के ऊपर अंकुश लगना पड़ेगा लेकिन सर्वजन में इनका भी भला हो और उनका भी भला हो । बहुजन समाज पार्टी भी साम्राजवादी शक्तियों के चंगुल से मुक्त नही है, इस सरकार ने अपने P.C.S व P.P.S अधिकारियो का प्रशिक्षद अमेरिका में कराया है।
चुनाव में अरबो रूपए विभिन्न राजनीतिक दल खर्च कर रहे है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया -प्रिंट मीडिया से लेकर आम मतदाताओं तक खरीद-फरोख्त जारी है दारो,मुर्गा,रुपया बाँट रहा है । आए दिन विभिन्न नेता अचार सहिंता के दोषी पाये जा रहे है । कोई कार्यवाही सम्भव नही है। समाजवादी , पूंजीवादी शक्तियों ने इन दलों को रुपया मुहैया कराया है जिसका नंगा खेल दिखाई दे रहा है ।
गोधरा कांड के बाद गुजरात चुनाव में बसपा नेता मायावती नरेंद्र मोदी के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए गई थी और जब उत्तर प्रदेश में B.j.P कमजोर हो रही है तो वरुण प्रकरण को तेजी देकर भाजपा को मजबूत भी वह कर रही है प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी कि सरकार थी अपहरण फिरौती उद्योग अपने चरम सीमा पर था और जब आज बसपा सरकार है तो शुरुवाती दौर में थोड़ा सा अंकुशलगाकर सभी गुंडे मवालियों को अपने पक्ष में करके अपहरण फिरौती ,जमीन कब्जा उद्योग पुन : चालू कर दियाहै स्तिथि बद से बदतर होती जा रही है ,आप अपने खेत कि खतौनी लिए बैठे रहिये बोई हुइ फसल बसपाई नेताओं के इशारे पर पुलिस कि मद्दद से गुंडे मवाली काट लेंगे
आतंकवाद के सवाल पर भी बसपा सरकार कि सोंच राष्ट्रिय स्वयं संघ कि सोच से अलग नही है जिस तरह मुस्लिम नौजवानों का इन्कौन्टर किया गया है वह हिटलरी कारनामो को भी मात देता है। तमाम सारे मुसलमान नौजवानों को फर्जी मुकदमो में निर्रुध कर रखा गया है।
कांग्रेस ,भाजपा बसपा ,सपा द्वारा चुनाव में अथाह रूपए खर्च किएजा रहे हैजिस रूपए के आने का स्रोत्र किसी को मालूम नही हैनिश्चित रूप से यह रुपया उद्योग पतियों केभ्रष्टाचार जगत से रहा है तथा कला धन है
इन रुपयों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया , विज्ञापन व अन्य प्रचार माध्यमो से आनावश्यक मुद्दे उछाल रहे है जिससे मतदाता गुमराह हो और उन्ही में से किसी एक को वोट देकर सत्ता संचालित करने के लिए अधिकृत कर दे ।
समाजवादी शक्तिया भारत को पूर्णतया गुट-निरपेक्ष कि नीति छुडवाकर अमेरिकन साम्राज्यवाद के खेमे में शामिल करने के लिए प्रयासरत है, तो मोशाद कि पहली पसंद भारतीय जनता पार्टी है क्योंकि कई दशक तक भारत के संबंद इस्राइल से नही रहे । इसके विपरीत भारत के सम्बन्ध फिलिस्तीन से थे। भारत उसका एक सच्चा मित्र था । भारतीय जनता पार्टी कि सरकार में आने के बाद इस्राइल से चुपके-चुपके और फिर खुले तौर से सम्बन्ध बनाये और देश कि विदेश निति को इस्राइल समर्थक करने की कोशिश की ।

-मोहम्मद शुएब ‘एडवोकेट ‘
-रणधीर सिंह ”सुमन” ‘एडवोकेट ‘

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