जितना बढ़ चढ़ के आइना जाने॥
हुस्न क्या शै है कोई क्या जाने॥
किस की जुल्फों को छूके आई है–
महकी महकी हुई हवा जाने॥
मौत किसको मिली हयात किसे-
तुझसे बेहतर तेरी अदा जाने॥
ऐश वालो से पूछते क्या हो–
लज्जत गम तो ये गदा जाने॥
यु तो रहते हो साथ साथ मगर –
कब बिछड जाए वो खुदा जाने॥
किस कदर तुमसे प्यार है भगवन –
ये मेरी अपनी आत्मा जाने॥
मैं वो ”राही” हूँ जो फजले खुदा
रास्ता सिर्फ़ प्यार का जाने॥
डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ”राही”
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