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Archive for मई 20th, 2009

माननीय उच्चतम न्यायलय का कहना है …

सुखी जीवन हेतु

( हिन्दुस्तान अखबार से साभार )

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रमिनवा कै लरिका बी .ऐ फ़ेल ,बंकी मा थान्हा प्रभारी है।
समसदवा एम॰ए , पी॰एच॰ङी॰ उहैं करत उ चौकीदारी है ॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

उ उतनै बड़ा आफिसर , वहिका जेतनै भारी पौव्वा है।
नाही तौ केतनौ पढ़ा लिखा ,मोची है कउनौ नौव्वा है ॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

दाँतन मा पीड़ा बहुत रहै। हम गउवें देखावै अस्पताल ।
मुल हमका का मालूम , इहाँ पर ब्याध बिछाये बैठ जाल॥
डॉक्टर हमका का मालूम बहु ङेरवाइस , सौ रुपया गाँठिस झाड़ लिहिस।
हम दाँत बतावा ऊपर कै, उ नीचे केर उखाड़ दिहिस॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

बाराबंकी से टिकस लिहेउँ , कउनौ विधि रेल पर जइस चढ़ेउँ ।
पीछे से याक रेला आवा , हम त्रिशंकु अस लटक गएऊ ॥
उई भीड़ मा कउनौ हमरी औ , केतनेव कै जेबिन काटि दिहिस।
इए तिकाश है फर्जी धमकाइस , टीटिव सौ रुपया गाँठि लिहिस॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

मोहम्मद जमील शास्त्री

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मैंने भड़ास ब्लॉग पर इसको पढ़ा तो सोचा की मैं भी इनकी मदद कर दूँ और इनकी बात ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुचाने की कोशिश करू इसीलिए मैं यह पोस्ट लिखा रहा हूँ, जो लोग इनकी मदद कर सकते हैं तो कृपया करके इनकी मदद करे…..

अंकित माथुर:


ब्लाग के सभी सदस्यों से सहायता हेतु एक अपील

आदरणीय यशवंत भाई, एवं समस्त ब्लाग सदस्य गण। आप सभी से एक अपील है, मेरे परिचय में एक परिवार के साथ दुर्भाग्यवश एक अप्रत्याशित घटना घटित हो गई है। मामला कुछ यूं है। मेरे परिचित और उनके परिवार के कुछ सदस्य दिनांक ६ मई २००९ को मरुधर एक्स्प्रेस में एस ७ कोच संख्या में यात्रा कर रहे थे। अचानक ट्रेन टूंडला स्टेशन के आउटर पर कुछ समय के लिए रुकी व मेरे परिचित परिवार की पुत्र वधू श्रीमति कोमल तोतलानी परिवार के सदस्यों को बताकर टायलेट गईं। इसी दौरान ट्रेन चल दी, टूंडला के बाद २०-२५ मिनट तक भी जब वे वापस नहीं आईं तो परिवारीजनों द्वारा इनकी खोज की गई, पूरी ट्रेन में इन्हे खोजा गया लेकिन इनका कोई पता नहीं चल पाया। आगे पढ़े……

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