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Archive for मई 21st, 2009

काल्हे उदघाटन भवा रहै , बहि गवा आज पुल पानी मा ।
केतनेव जन सरग सिधार गए,बचपन औ भरी जवानी मा ॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

छन्नूमल गरम मसाला मा, घोडी कै लीद मिलाय रहे ।
इस्पिट्टर कै मुट्ठी गरम करैं ,औ मन ही मन मुस्काय रहे॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

नौकरी के खातिर बेटवो अब , बप्पा कै गटई काटि लेई।
गहना पैसा हथियाय बहू,सासू कै टेटुवा दाबि देई ।

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

लखनऊ मा पढ़ती मिसरा जी की , नातिन बिरिज किसोरी है।
अम्मा पूछैं बिटयौनी से, ई छोरा है कि छोरी है॥

यहि देश कै भैया का होईआओ हम….

मोहम्मद जमील शास्त्री

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हर ख्वाब की ताबीर बहुत मुश्किल है
तामीरगजल मीर बहुत मुश्किल है
रूखेरौशन की वो रौनक बस सल्ले अला
काम आए कोई तदवीर बहुत मुश्किल है
ख़त जलाकर मेरी यादों को मिटाने वाले
बने दिल में भी तस्वीर बहुत मुश्किल है
हम खयालो में हो मुमकिन ही नही
प्यार की तोड़नी जंजीर बहुत मुश्किल है
मैं मुसब्बिर हूँ तेरी शक्ल बना लेता हूँ
गर्मीसाँस की तासीर बहुत मुश्किल है
मैं बहुत बार तेरे दर पे पहुँचता लेकिन
बिन बुलाये मिले तौकीर बहुत मुश्किल है

डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेलराही

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प्रिये दोस्तों और पाठको,
मैं “हमारा हिन्दुस्तान” के नए रूप पर काम कर रहा हूँ…..जो लगभग पूरा होने वाला है तो बहुत जल्द “हमारा हिन्दुस्तान” को आप एक नए रूप मे देखेगे…इसलिए अगर आप उसके रूप मे बार – बार बदलाव देखें तो चौंकियेगा नही क्यूंकि उसके रूप पर काम चल रहा है । आगे पढ़े…..

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