बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने के बाद सरकार ने लिब्रहान आयोग की स्थापना की थी। जिसकी रिपोर्ट संसद में पेश नही हुई कि उससे पूर्व मीडिया ने उसको प्रसारित कर दिया जिसको लेकर संसद में जबरदस्त हो हल्ला हंगामा हुआ। सरकार जब महंगाई के मोर्चे पर जबरदस्त तरीके से असफल है तो लोगो का ध्यान हटाने के लिए लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट की लीकेज़ का ड्रामा शुरू कर दिया है । जिससे जनता का ध्यान मूल समस्याओं का ध्यान हटा रहे। लिब्रहान आयोग की आयोग भी स्पष्ट तरीके यह कहती है की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके अनुशांगिक संगठनों ने योजनाबद्ध तरीके से बाबरी मस्जिद को तोडा था । केन्द्र सरकार में यदि जरा सा भी नैतिक साहस है तो ऐसे संगठनों के ऊपर प्रतिबन्ध लगा दे जो देश की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाते है ।
कांग्रेस की धर्म निरपेक्ष सोच बदल चुकी है जिसके चलते फांसीवादी संगठन बढ़ते हैं और देश के अन्दर दंगे फसाद शुरू होते हैं । महाराष्ट्र के अन्दर भी शिव सेना की गतिविधियाँ जारी रखने में समय-समय पर कांग्रेस सरकार का भी संरक्षण रहता है अन्यथा राज ठाकरे बाल ठाकरे जैसे लोग पनप ही नही सकते हैं । लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में कांग्रेसी प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव की भूमिका को स्पष्ट नही किया है। श्री नरसिम्हा राव साहब ने अगर चाहा होता तो बाबरी मस्जिद को आराजक व फांसीवादी तत्व गिरा नही सकते थे । आज भी इन तत्वों का प्रचार अभियान जारी है समय रहते हुए यदि उचित कार्यवाही नही की गई तो यह देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा होंगे व एक नया आयोग बनेगा और उसकी भी रिपोर्ट लीक होगी ।
कांग्रेस की धर्म निरपेक्ष सोच बदल चुकी है जिसके चलते फांसीवादी संगठन बढ़ते हैं और देश के अन्दर दंगे फसाद शुरू होते हैं । महाराष्ट्र के अन्दर भी शिव सेना की गतिविधियाँ जारी रखने में समय-समय पर कांग्रेस सरकार का भी संरक्षण रहता है अन्यथा राज ठाकरे बाल ठाकरे जैसे लोग पनप ही नही सकते हैं । लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में कांग्रेसी प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव की भूमिका को स्पष्ट नही किया है। श्री नरसिम्हा राव साहब ने अगर चाहा होता तो बाबरी मस्जिद को आराजक व फांसीवादी तत्व गिरा नही सकते थे । आज भी इन तत्वों का प्रचार अभियान जारी है समय रहते हुए यदि उचित कार्यवाही नही की गई तो यह देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा होंगे व एक नया आयोग बनेगा और उसकी भी रिपोर्ट लीक होगी ।
श्रीमन इन बेईमानों पर क्यों अपना नीला घोड़ा दौड़ा रहे है ये सुधरने वाले नही राम के नाम मौज कर ली सत्त में इतने दिनों तक, मुझे अफ़सोस है कि कि दक्षिण पंथ और वाम पंथ दोनो जनता को बेवकूफ़ बनाकर अपना काम चला रहे है हमारे मुल्क मे असली सामाजिक सरोकारों से उनका कोई दिली वास्ता नही सिर्फ़ मुद्दे है उनके लिये……….
6 दिसम्बर आज़ाद हिन्दुस्तान के इतिहास का एक ऐसा दिन, जिसे पूरी दुनिया कभी भूला न सकेगी। हिन्दुस्तान के धर्म-निरपेक्ष छवि पर एक ऐसा बदनुमा दाग, जिसे सदियों तक मिटाया न जा सकेगा। अनेकता में एकता और गर्व से कही जाने वाली गंगा-जमुनी संस्कृति के चार सौ वर्ष पुराने धरोहर को दिन-दहाड़े ढ़ा दिया गया। एक पवित्र इबादतगाह को शहीद कर दिया गया। एक पूरी क़ौम रोती रही, कराहती रही, और हृदय रखने वाली इंसानियत तड़पती रही।
बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना को 17 वर्ष बीत गए हैं, और यह दिन संगठनों व राजनेताओं के लिए विरोध-प्रदर्शन, धरना, जलसा-जुलूस का दिन बन कर रह गया। इस तरह इन्हें हर साल अपनी टोपी-शिरवानी की गर्द झाड़ने और अपनी भाषणबाज़ी का ज़ौहर दिखाने का मौका मिलने लगा।
आलम तो यह है कि लिब्राहन आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इस रिपोर्ट को लाने में लिब्राहन साहब को 17 वर्ष लग गए। इसमें देश की जनता का अथाह धन बर्बाद हुआ। लोकसभा- राज्यसभा में बहस भी पूरी हो गई। दिल्ली विधानसभा में तो मार-पीट तक की नौबत आ गई। पर नतीजा हुआ ढ़ाक के तीन पात।
खैर मामला अभी अदालत में है। लेकिन अब आपको तय करना है कि इस पूरे विवाद का क्या हल है…? इसके वजहों से दो भाईयो, दो धर्मों के बीच जो दूरियां बढ़ी हैं, उसे कैसे पाटा जाए… ? कैसे खत्म किया जाए…?
आपके विचारों का स्वागत है। इससे जुड़ी आपकी यादें भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। आपके इन विचारों व यादों को हम अपने ब्लॉग http://leaksehatkar.blogspot.com के माध्यम से और फिर इसे पुस्तक की शक़्ल दे कर देश के भावी नागरिकों तक पहुंचाएंगे। तो फिर देर किस बात की। हमें जल्द से जल्द ई-मेल करें—- leaksehatkar@gmail.com पर।
http://leaksehatkar.blogspot.com