आज जिला एवं सत्र न्यायधीश के परिसर में राम मिलन नामक युवक ने अपनी 22 वर्षीय पत्नी मधु की नाक दांत से काट कर अलग कर दी। बुद्धजीवी तबके के लोगों ने राम मिलन को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। पुलिस पहुंची तो उसने वाद में गंभीरता लाने के लिए एक चाक़ू की फर्जी बरामदगी कर दी। पति-पत्नी का वाद न्यायलय में विचाराधीन है। पुरुषवादी मानसिकता के तहत राम मिलन ने दसवीं सदी के अपराध को कर डाला वहीँ बुद्धजीवी कहे जाने वाले तबके ने उसी सोच के तहत राम मिलन को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया और पुलिस जैसा प्रत्येक मामले में वह करने की आदि है, मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर एक नए वाद की तैयारी शुरू कर दी है।
सभ्य एवं लोकतांत्रिक समाज में तीनो पक्षों की हरकतें न तो नैतिक हैं और न ही विधिक हैं। इस तरह से आये दिन कुछ न कुछ होता रहता है जो बर्बरता की हद को पार कर रहा है। इन सब कृत्यों की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
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बर्बरता की हद
Posted in loksangharsha on अप्रैल 16, 2010| Leave a Comment »