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Archive for सितम्बर 8th, 2010


एक घर के दो साहबान स्टेशन पर पहुँचे, एक को ट्रेन पकड़नी थी मगर वे ज़रा सुस्त थे, दूसरे साहब जो पहुँचाने गये, बहुत तेज़ तर्रार थे, ट्रेन छूटी, ये साहब तो तेज़ थे ही , आव देखा न ताव ट्रेन पर चढ़ गये। सुस्त वाले देखते ही रहे। इसी को कहते है- मुददई सुस्त, गवाह चुस्त।
अयोध्या में स्वामित्य के मुद्दे पर अगर चे कोर्ट नें निर्णय अटकलों का बाजार गर्म है। दोनो पक्ष तो अभी चुप हैं, जनता में हलचल भी नहीें है। मगर प्रान्तयि सरकार बहुत चुस्ती और तेज़ी का नाटक कर रही हैं। यह सही है कि शान्ति एवं सुरक्षा की उसकी ज़िम्मेदारी है, मगर उसको तैयारी में इतना हाय हल्ला मचाने की भी ज़रुरत नहीं थी, कि सामाजिक तत्व अपने तीर कमान संभाल लें, तथा आम जनता में सनसनी फैले और भयभीत हो जाय।
दर असल इस समय ये मसला हिन्दु मुसलमान के बीच का नहीं है, ये दोनो पक्षों और कोर्ट के बीच का मामला है। बस दो ही विकल्प हैं, ये जीतेंगे या वह। अल्प ंसंख्यकों की ओर से यह कहा गया कि हम कोर्ट का फैसला मानेंगे। यदि जीत जांय तो पटाख़े दाग़ने को कोई औचित्य नहीं क्यों कि दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा। अब हिन्दु भाइयों की यदि बात करें कि वह जीत जांय, तो भी सड़को पर खुशी मनाने से क्या फायदा करेगा बात फाइनल तो होगी नहीं, दूसरा पक्ष भी अपील करेगा। किसी पक्ष के हारने नर उसके द्वारा आक्रोश व्यक्त करने से भी इस स्टेज पर कोई मसला हल नहीं हो सकता। अखबारों में कुछ ख़बरें इस तरह की छपती नहीं हो सकता। अखबारों में कुछ ख़बरे इस तरह की छपती हैं, कि हिन्दू कहते हैं कि हम कोर्ट का फैसला नहीं मानेंगे, मैं यह कहता हूँ कि यदि न मानना होता तो वे कोर्ट में पैरवी क्यों करते? पक्षकार ही क्यों बनते?
उग्रवादियों अराजक तत्वों की बात अलग है। दोनों भाइयों को यह सोचना है कि हम सदियों से साथ-साथ रहे हैं, आगे भी रहना है, इसलिये यदि मुसलमान ये सोचे कि हम हिन्दुओं के सीने पर मूंग दलते रहें, या हिन्दु ये सोचे कि मुसलमान का यहाँ क्या है, तो ये दोनो स्थितियाँ ग़लत धारणाओं पर आधारित होंगी। इसलिये गर्मागर्मी से, मारकाटा से सभी का नुक़सान है, तथा इस से देश पीछे जाता है, विकास रूकता है। जो मज़ा सौहार्द और प्रेम में है, वह नफ़रत में नहीं। रहीम दास जी हमें बताते हैं कि प्रीति किस ढंग की होनी चाहिये।

रहिमन प्रति सराहिये, रंग होते दून
ज्यों हरदी, जरदी तजै, तजै सफेदी चून।

डा0 एस0एम0 हैदर

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