अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राहुल गाँधी ने कलकत्ता के अन्दर बोलते हुए कहा कि साम्यवादी विचारधारा सड़ी-गली विचारधारा है और इससे बंगाल का भला नहीं होने वाला है। राहुल गाँधी को साफ़-साफ़ देश को बताना चाहिए कि आर्थिक, राजनैतिक व विदेश नीति के मोर्चे पर उनकी कौन सी राजनैतिक विचारधारा है या वह आराज़नैतिक विचारधारा के मानने वाले है। इस समय कांग्रेस की विदेश नीति में जबरदस्त परिवर्तन करके अमेरिकन साम्राज्यवाद के समर्थन में देश को ले जाकर खड़ा कर दिया गया है जबकि उनकी दादी श्रीमती इंदिरा गाँधी अमेरिकन साम्राज्यवाद के खिलाफ जीवनपर्यंत रहीं और उन्ही के समय भारत गुट निरपेक्ष आन्दोलन का नेता रहा। आज की कांग्रेस नेहरु के आर्थिक विकास मॉडल को भी नहीं मानती और न ही कांग्रेस आर्थिक मोर्चे पर उसकी क्या नीतियाँ हैं स्पष्ट ही करती है। आपकी पार्टी के केन्द्रीय शासन के अंतर्गत महंगाई जैसे मुद्दे पर कोई बात नहीं आती है। जमाखोरों, भ्रष्टाचारियों और दलालों का एक बड़ा समूह केंद्र की सत्ता पर काबिज है। आप ने बेरोजगारी के मोर्चे के ऊपर कोई भी बयान या कोई भी नीतिगत बात आज तक नहीं कही है। माननीय उच्चतम न्यायलय ने आपकी पार्टी द्वारा शासित दिल्ली सरकार को फटकारा है कि वह ठेके पर कर्मचारियों को रखकर राज्य के कल्याणकारी स्वरूप को बदल रही है।
आप इस ग़लतफहमी में हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पुनर्स्थापित होने जा रही है। तमिलनाडु में तो संभव ही नहीं है। आपकी केंद्र सरकार सभी मोर्चों पर पूर्णतया विफल है।
आपकी सभाओं में जनता जुटाने के लिए और उसका सम्पूर्ण खर्चा जो लगभग करोडो रुपये होता है उसका खर्चा कौन सी बहुराष्ट्रीय कंपनी उठा रही है, उसको भी स्पष्ट करें और जरा सा राष्ट्रमंडल खेलों से लेकर आप के आस पास रहने वाले जितने भी लोग हैं वह कितने घोटालों में लिप्त हैं जरा उस पर भी ध्यान दीजिये।
सुमन
लो क सं घ र्ष !