असली देशभक्त ?

अगर देश को विखंडित करने का सपना संजोये आई.एस.आई यह चाहता है कि इस देश के लोग धर्म के नाम पर लड़ें ताकि उसको अपनी रोटियाँ सेकनें का मौका मिल सके तो आरएसएस बिलकुल इसी काम में जुटा है। आरएसएस से यह पूछा जाना चाहिए की क्या उसने 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराकर सारे देश की साम्प्रदायिकता की आग में नहीं झोका ? क्या ऐसा करके इसने आई.एस.आई जैसे देश विरोधी संगठनो के प्यान्दो की भूमिका नहीं निभाई ? देश के अल्प-संख्यकों के बारे में आरएसएस जो जहर फैलाता रहा है और फैला रहा है उसके चलते सबसे ज्यादा प्रसन्न केवल आई एस आई जैसे भारत दुश्मन संगठन ही हो सकते हें। आरएसएस किस तरह इस देश के विभिन सम्प्रदायों को लड़वाने में लगा है इसका अनुमान गोलवलकर के निम्नलिखित वक्तव्यों से अच्छी तरह लगाया जा सकता है।
गोलवलकर द्वारा 1939 में छपवाई गयी किताब वी आर अवर नेशनहुड डीफाइन्ड में हिटलर द्वारा प्रतिपादित नाजी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को महिमामंडित किया गया है। साथ ही इस देश के अल्पसंख्यकों के बारे में जो योजना बताई गयी है, वह इस देश का विखंडन चाह रहे किसी भी संगठन को प्रिय लगेगी।
गोलवलकर द्वारा 1939 में छपवाई गयी किताब वी आर अवर नेशनहुड डीफाइन्ड में हिटलर द्वारा प्रतिपादित नाजी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को महिमामंडित किया गया है। साथ ही इस देश के अल्पसंख्यकों के बारे में जो योजना बताई गयी है, वह इस देश का विखंडन चाह रहे किसी भी संगठन को प्रिय लगेगी।
आरएसएस को पहचानें किताब से साभार
महेश भट्ट के लड़के को न पहचाने जिस का सम्बन्ध सीधा आइ एस आइ से निकला है और जिसके आप बहुत बड़े चमचे है और उसको सजा कर आपने अपने ब्लॉग बार लगा रखा है.
अगर आर एस एस पर रोक न लगाईं गयी तो ये लोगों के मन में ज़हर भरने का अपना काम करती रहेगी ,जो हमारे समाज के लिए निहायत ही नुकसानदेय है . राजनितिक पार्टियां भी ये समझ रही है केवल एक्शन लेने से न जाने क्यों डर रही है,
@त्यागी
महेश भट्ट के लड़के का सम्बन्ध तो सिद्ध न हो सका किन्तु आर एस एस का आतंकी घटनाओं से सम्बन्ध सिद्ध हो गया है , और उसके कार्यकर्ताओं के विरुद्ध पुलिस ने केस अवश्य दायर कर दिया है
इसके विषय में आप का क्या विचार है