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Archive for नवम्बर 24th, 2010


मुझसे चाहे जो कुछ करवाओ
वरिष्ठ आई ए एस रवि इन्दर सिंह

भारत सरकार के आन्तरिक सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व वरिष्ठ आई ए एस श्री रवि इन्दर सिंह मोबाइल कंपनियों को सूचना लीक करते थे। इनके पास गृह मंत्रालय व आन्तरिक सुरक्षा विभाग की गोपनीय सूचनाएं दलालों के माध्यम से बेचने का कार्य करते थे। गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) यूके बंसल ने सोमवार को मान लिया कि उनके ही विभाग में काम कर रहा रवि इंदर सिंह दरअसल दलालों का एजेंट था। रवि इन्दर सिंह दलालों को पेन ड्राईव में गोपनीय सूचनाएं देकर उनसे रुपये व लड़कियां प्राप्त करता था। लड़कियों को सॉफ्टवेर व रुपयों को प्रसाद कहता था।
भारत सरकार व प्रदेश सरकार के किसी मंत्रालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारीगण अगर घूस खाते हैं, कमीशन लेते हैं तो निश्चित रूप से उनसे किसी भी तरह का कार्य रुपया व लडकियां देकर कराया जा सकता है। चाहे वह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला हो आन्तरिक सुरक्षा से। आन्तरिक सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकारी दलालों के एजेंट के रूप में आना यह साबित करता है कि भारत सरकार की गोपनीय सूचनाएं उनके वरिष्ठ नौकरशाह ही लालच में बेचने का काम कर रहे हैं। इससे पूर्व भारतीय विदेश सेवा की पाकिस्तान में तैनात महिला अधिकारी खुफिया जानकारी बेचने के आरोप में पकड़ी गयी थी। अधिकांश वरिष्ठ नौकरशाहों की अपराधिक गतिविधियों के ऊपर कोई नियंत्रण न होने के कारण एक से बढ़ कर एक अपने काले कारनामो का प्रदर्शन कर रहे हैं। नौकरशाहों की अगर आय की जांच अगर करा ली जाए तो अधिकांश नौकरशाहों ने अपने भ्रष्टतम कारनामों से इतनी अधिक परिसंपत्तियां अर्जित कर ली हैं कि वह बड़े से बड़े आर्थिक अपराधियों को मात दे देंगे। आर्थिक अपराधियों से देश का भला नहीं होने वाला है किन्तु नौकरशाही अब नौकरशाही न होकर विशुद्ध रूप से आर्थिक अपराधियों का एक गिरोह हो गयी है। इन लोगों से देश का भला होने की बात सोचना भी बेईमानी है।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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