अंतर्गत धारा 197 सीआर पी सी तथा 19 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत लोकसेवकों के ऊपर किसी भी अपराध का आरोप पत्र दाखिल करने से पूर्व सम्बंधित सरकार की अभियोजन स्वीकृति आवश्यक थी इस बात को उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ ने अपने ऐतिहासिक में आवश्यक नहीं बताया और अपने आदेश में कहा कि सरकारी अधिकारीयों या लोकसेवकों का भ्रष्टाचार में उनको ये धाराएं संरक्षण नहीं देती हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ मामला चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता नही है।
विद्वान न्यायमूर्ति श्री देवी प्रसाद सिंह तथा न्यायमूर्ति एस सी चौरसिया ने भारत सरकार व राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निवारण कानून में धारा 19 में (अभियोजन स्वीकृति के प्राविधान) फैसले के अनुसार संसोधन करने का भी आदेश दिया है। खंडपीठ ने यह भी कहा है जब तक संशोधन नहीं हो जाता है तब तक जांच एजेंसियां इस फैसले का सहारा लेकर सभी वादों में आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ ने अनाज घोटाले की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किये हैं। उत्तर प्रदेश में अनाज घोटाला , पुलिस भर्ती घोटाला सहित हजारो घोटालों में आई.ए.एस और आई.पी.एस सहित सरकारी लोकसेवकों के खिलाफ अपराधिक वादों में आरोप पत्र सरकार द्वारा अभियोजन स्वीकृति न मिलने के कारण दाखिल नहीं हो पा रहे थे और 1947 से लेकर अब तक अभियोजन स्वीकृति न मिलने के कारण भ्रष्ट सफेदपोश अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हो पाती थी। अधिकारी करोड़ो रुपये का घोटाला करने के बाद बड़े आराम से सेवानिवृत्त हो जाते थे। अभियोजन स्वीकृति सम्बन्धी इस फैसले से नौकरशाहों को सबसे ज्यादा तकलीफ होगी क्योंकि प्रदेश में लगभग अधिकांश नौकरशाह विभिन्न घोटालों में अभियुक्त हैं। बहुत सारे नौकरशाहों का अपराधियों की तरह लम्बा चौड़ा अपराधिक इतिहास भी है। यदि किसी प्रशासनिक अफसर की तैनाती कहीं की जाए तो उसके अपराधिक इतिहास को भी प्रकाशित किया जाए तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। उच्च न्यायलय का यह फैसला ऐतिहासिक है और अगर इसमें विधायी हस्ताक्षेप न किया गया तो भ्रष्टाचार की गंगोत्री को नियंत्रित करने में यह फैसला अहम् भूमिका अदा करेगा।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
जान कर सच में ख़ुशी हुई कि आप हिंदी भाषा के उद्धार के लिए तत्पर हैं | आप को मेरी ढेरों शुभकामनाएं | मैं ख़ुद भी थोड़ी बहुत कविताएँ लिख लेता हूँ | हाल ही में अपनी किताब भी प्रकाशित की | आप मेरी कविताएँ यहाँ पर पढ़ सकते हैं- http://souravroy.com/poems/