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Archive for फ़रवरी 8th, 2011



………गतांक से आगे
ब्लॉग विश्लेषण के १८ भागों में आपने लगभग हर विषय के ब्लोग्स के बारे में जाना,किन्तु हास्य-व्यंग्य को मैंने सुरक्षित रखा अंतिम भाग के लिए, कारण है कि इसके बाद का भाग ऐसा है जिसमें आप सभी को एक सुखद अनुभूतियों के साथ प्रवेश करना है,यानी आप हैं विश्लेषण के अंतिम,किन्तु अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव से केवल एक कदम पीछे !

तो चलिए आज हम आपको ले चलते हैं हास्य-व्यंग्य की दुनिया में !कहा गया है कि हँसना एक चमत्कार है, आश्चर्य है, क्योंकि हँसने से जहाँ ज़ींदगी के स्वरूप और उद्देश्य का भाव प्रकट होता है वहीं नीरसता ,उदासीनता और दुख का भाव नष्ट करते हुए आनन्द्परक वातावरण का निर्माण करता है. यह भाव केवल मनुष्य में ही होता है….पशुओं में नहीं !

वर्ष- २००६ से संचालित हास्य-व्यंग्य का प्रमुख ब्लॉग है चक्रधर का चक्कलस ! यह ब्लॉग हिन्दी के श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि अशोक चक्रधर का है ,वर्ष-२०१० में इस पर कुल ५८ पोस्ट प्रकाशित हुए जो वर्ष-२००८ और २००९ में प्रकाशित पोस्ट के बराबर है अर्थात इस वर्ष अशोक चक्रधर जी के इस ब्लॉग पर सक्रियता अचंभित करती है !

इस वर्ष ताऊ डोट इन ने हास्य व्यंग्य को माध्यम बनाकर पाठकों को भरपूर रूप से आकर्षित किया,इस ब्लॉग की सर्वाधिक रचनाएँ चिट्ठाकारों को केंद्र में रखकर प्रस्तुत की जाती रही और कोई भी ब्लोगर इनके व्यंग्य बाण से आहत होकर न मुस्कुराया हो , ऐसा नहीं हुआ ….यानी यह ब्लॉग वर्ष के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग की कतार में अपना स्थान बनाने में सफल हुआ है ,इस ब्लॉग पर इस वर्ष से वैशाखनंदन सम्मान की भी शुरुआत हुई है ! अलग हरियाणवी शैली और प्रस्तुति के कारण यह हिंदी ब्लॉगजगत में रातो-रात मशहूर हो गया है ।वर्ष-२०१० के वहुचर्चित हास्य ब्लोगर ताऊ रामपुरिया ने जहां ब्लॉग पर अनेक प्रयोग किये हैं इस वर्ष, वहीं संजय झाला ने भी पाठकों को हंसा हंसाकर लोटपोट करने में कोई कसर नहीं छोड़ा !

हास्य व्यंग्य पर आधारित ब्लॉग सुदर्शन की सक्रियता लगातार हमें अचंभित करती रही है !विगत दो वर्षों में इस ब्लॉग पर मैंने अनेक अच्छी-अच्छी सामग्रियां देखी है,प्रस्तुतिकरण और भाषा का लालित्य इसकी विशेषता है ,क्योंकि ब्लोगर के.एम .मिश्रा को स्वस्थ हास्य परोसने में महारत हासिल है !यह ब्लॉग पूरी तरह हास्य और व्यंग्य को समर्पित है !देश के लगभग सभी ज्वलंत मुद्दों पर चुटीली टिप्पणियाँ इस वर्ष यहाँ देखने को मिली है !

GWALIOR TIMES हास्‍य व्‍यंग्‍य में पूरे वर्ष में केवल ८ पोस्ट प्रकाशित हुए, वहीं ठहाका में केवल ३ पोस्ट ! दीपकबापू कहिन पर यद्यपि इस वर्ष कुछ अच्छी हास्य-व्यंग्य रचनाएँ देखी गयी, तीखी नज़र पर हास्य-व्यंग्य की क्षणिकाएं लगातार देखने को मिली ।बामुलाहिजा पर कार्टून के माध्यम से आज के सामाजिक ,राजनैतिक कुसंगातियों पर पूरे वर्ष भर व्यंग्य बरसते रहे । कार्टूनिष्ट हैं कीर्तिश भट्ट । current CARTOONS ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रमों पर आधारित कार्टून का महत्वपूर्ण चिट्ठा बनने में सफल रहा । कार्टूनिस्ट हैं -चंद्रशेखर हाडा जयपुर ।मजेदार हिंदी एस एम एस चटपटे और मजेदार चुटकुलों अथवा हास्य क्षणिकाओं का अनूठा संकलन बनने में सफल रहा इस वर्ष,वहीं चिट्ठे सम्बंधित कार्टून हिन्दी चिट्ठाजगत में हो रही गतिविधियों को कार्टून रूप में पेश करने की पूरी कोशिश करता रहा विगत वर्ष, किन्तु इस वर्ष यह पूरी तरह अनियमित रहा ।; SAMACHAR AAJ TAK पर आज की ताज़ा खबरें परोसी गयी मगर मनोरंजक ढंग से और यही इस ब्लॉग की विशेषता रही । अज़ब अनोखी दुनिया के काफी दिलचस्प रहा इस वर्ष ।

आईये अब मिलते हैं की बोर्ड के खटरागी से यानी अविनाश वाचस्पति से जिनके ब्लॉग पर हास्य-व्यंग्य और अन्य साहित्यिक समाचार खूब पढ़ने को मिले हैं इस वर्ष । यूँ ही निट्ठल्ला..… का प्रस्तुतीकरण अपने आप में अनोखा , अंदाज़ ज़रा हट के , आप भी पढिये और डूब जाईये व्यंग्य के सरोबर में ।डूबेजी के ब्लोगर श्री राजेश कुमार डूबे जी का कार्टून सामाजिक आन्दोलन की अगुआई करता रहा । दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान- पत्रिका पर भी कभी-कभार अच्छी और संतुलित हास्य कवितायें देखने कोमिलती रही , यह ब्लॉग सुंदर और सारगर्भित और स्तरीय है । hasya-vyang पर ब्लोगर हास्य-व्यंग्य के साथ न्याय करता हुआ दिखा ।

सितंबर-२०१० में हास्य-व्यंग्य का एक नया ब्लॉग आया,नाम है वक़्त ही वक़्त कमबख्त !हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)है यह !वर्ष-२०१० के आखिरी चार महीनों में इस ब्लॉग पर कुल८९ पोस्ट प्रकाशित हुए जो प्रशंसनीय है !

My Photoimages (4)किसी ने कहा है कि हंसना रवि की प्रथम किरण सा,कानन में नवजात शिशु सा ……हमारा वर्त्तमान इतना विचित्र है कि हमने अपनी सहज-सुलभ विशिष्टताओं को ओढ़ लिया है,आज हर आदमी इतना उदास है कि उसे हंसाने के लिए लाखों जतन करने पड़ते हैं !ऐसे में यदि कोई हमारे उदास चहरे पर हंसी की लालिमा फैलाने की दिशा में कार्य करता है या करती है तो प्रशंसनीय है !हास्य के ऐसे ही एक ब्लॉग से मैं रूबरू हुआ इस वर्ष ,नाम है हास्य फुहार ….इस ब्लॉग को संचालित करने वाली ब्लोगर का कहना है कि “मैं एक घरेलु महिला हूं , हंसो और हंसाओ में विश्वास रखती हूं।”

निरंतर पर भी आप व्यंग्य के तीक्ष्ण प्रहार को महसूस किया गया इस वर्ष । अनुभूति कलश पर डा राम द्विवेदी की हास्य-व्यंग्य कविताओं से हम रू-ब रू हुए । इसी प्रकार योगेन्द्र मौदगिल और अविनाश वाचस्पति के सयुक्त संयोजन में प्रकाशित चिट्ठा है हास्य कवि दरबार पर आपको मिली हास्य-व्यंग्य कविताएं, कथाएं, गीत-गज़लें, चुटकुले-लतीफे, मंचीय टोटके, संस्मरण, सलाह व संयोजन। विचार मीमांशा पर भी पढ़े गए इस वर्ष कुछ उच्च कोटि की हास्य रचनाएँ !

कहा गया है कि तसवीरें जब बोलती हैं तो शब्द मौन हो जाते हैं , प्रकंपित हो जाती हैं भावनाएं और व्यक्ति को समझाने के लिए फिर किसी भी माध्यम की आवश्यकता नहीं पड़ती ! इसका एक नज़ारा देखिये यहाँ-
२७ मई को आमिर धरती गरीब लोग पर अनिल पुसदकर !
कार्टून:- गूदड़ी के लाल की गुदगुदी… १४ अगस्त को काजल कुमार के इस कार्टून में छिपी है राजनीति की गहरी समझदारी ! वहीं २७ अगस्त को प्रकाशित कार्टून में राजनीति में आचरण का प्रदुषण !

Hasya Kavi Albela Khatri हास्य की चर्चा हो और हास्य कवि अलवेला खत्री की चर्चा न हो तो हिंदी ब्लॉगजगत की कोई भी वह चर्चा अधूरी ही मानी जायेगी, क्योंकि अलवेला खत्री टी वी जगत और मंच के मशहूर हस्ताक्षर है, किन्तु ब्लॉग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है ! इस महत्वपूर्ण ब्लोगर की चर्चा मैं पूर्व में विस्तार से कर चुका हूँ इसलिए यहाँ केवल प्रसंगवश प्रस्तुत है उनका एक वीडियों-

चलते-चलते आपको बता दूँ कि नई दिल्ली में 27 जुलाई को हास्य-कविता की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय कविसंगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने की। विषय पर व्याख्यान देने के लिए मंच के जाने-माने हस्ताक्षर श्री अरुण जैमिनी, डॉ. प्रवीण शुक्ला,ब्लोगर चिराग़ जैन, डॉ. प्रवीण शुक्ला तथा डॉ.विनय विश्वास मौजूद थे।

और अब हास्य से कुछ अलग हटकर –

इस कड़ी में हम आपको हिंदी ब्लॉगजगत के कुछ अनछुए पहलूओं
से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं …….विभिन्न तस्वीरों के मार्फ़त –
कुकुर, बिलार, मोर, सियार, तोता, मैना, हिरन, अनार; बरगद, भालू, सोना, जंगल, सेम की बाती, ख़ूंखार डकैत बराती; सबके बीच चौकन्ना अकेला भागता है आदमी, जैसे नींद और ऊब में घिरी, गिरी, चांदनी के पीछे दौड़ता हो चांद, बेसुध, भाग-भाग-भाग! २२ जनवरी-२०१० को प्रकाशित अजदक में औरत के आदमी की जातक-कथा से हम वर्ष कुछ यादगार पोस्ट की चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं !लिव-इन-रिलेशनशिप को शीघ्र ही कानून के दायरे में लाना ही होगा ऐसा कहा दिनेश राय द्विव्व्दी ने २९ मार्च को अनवरत में …..!
image०६ मार्च को अंतर सोहिल पर एक आम भारतीय की पीड़ा परिलक्षित हुई रेलवे मंत्रालय के सन्दर्भ में, उनका कहना था की इस बार रेलमंत्री ने 117 रेलों की बढोतरी की है जी देश में। समय पर आने-जाने, सुविधा और सुरक्षा बढाने के बजाय हर साल कुछ रेल बढा दी जाती हैं। लम्बी दूरी की रेलों की पैन्ट्री (रसोई) में खाना बनाने के लिये शौचालय और सफाई के लिये प्रयोग होने वाला पानी उपयोग किया जाता है। रेलों की संख्यां बढने से बडे स्टेशनों पर रेल को प्लेटफार्म खाली ना होने के वजह से आऊटर पर रोका जाता है। नतीजा ट्रेन लेट, फिर उसके पीछे आने वाली ट्रेन लेट। रेलवे फाटक भी बार-बार बन्द करना पडता है, तो सडकों पर भी जाम की स्थिति बनी रहती है। अर्थात एक-आध बोगी ही बढा दी होती !
अभी वो तुतला कर बोलता है. मैं आजकल उसकी आवाज़ इस शे’र से साफ़ करा रहा हूँ –
“हर चीज़ कुर्बान है इश्क की खातिर, पर,
मादर-ए-वतन के लिए सौ इश्क भी कुर्बान है”
और देखता हूँ कि इससे उसकी जबान वैसे ही साफ़ होती है जैसे भगत सिंह अपनी बन्दूक की नली साफ़ करते थे.
…और ऐसा करते हुए मैं भगत सिंह से कहता हूँ कि “हम ‘आपके मुल्क’ से बेइन्तहां मुहब्बत करते हैं.” सोचालय पर सागर २६ मई को जन-गण मंगल दायक जय हे !
My Photo
क्या गरीब अब अपनी बेटी की शादी कर पायेगा ….? २९ मई को यह सवाल पूछा है संजय भास्कर ने आदत.. मुस्कुराने की पर !
…..एक कहानी गुरुदेव ने सुनाई थी कि एक कवि के पास उनके मित्र आये और बोले कि क्या दिन भर बैठे कविता करते रहते हो, कुछ काम क्यूँ नहीं करते? कविवर ने पूछा कि काम करने से क्या होगा? मित्र ने कहा कि उससे पैसा आयेगा. कवि जी ने कहा फिर? मित्र बोले कि फिर और काम करोगे, तो और पैसा..धीरे धीरे कुछ सालों में पैसा ही पैसा हो जायेगा. कवि बोले, फिर? मित्र ने कहा, फिर क्या, फिर रिटायर होकर आराम से बैठना और कविता करना. कवि मुस्कराने लगे कि सो तो मैं अभी ही आराम से बैठा कविता कर रहा हूँ फिर इसके लिए इतनी मशक्कत क्यूँ?? ०७ जून को उड़न तश्तरी पर सिगरेट छुडाने की मशीन और फिजूल के शोध को लेकर एक कवि की चिंता देखने को मिली समीर लाल समीर की कलम से –बेवजह की शोध: फिजूल खर्ची!!
कम टिप्पणियों का रोना रोने वाले, बात बेबात हो हल्ला मचाने वाले और हिन्दी ब्लॉगरी में गुणवत्ता की कमी की शिकायत करने वाले जरा इस साइट पर हो आएँ।


अर्थकाम
चुपचाप अपने काम में पूरे मनोयोग से लगे रहना यहाँ से सीखा जा सकता है। ऐसा कहा ०५ जून को गिरिजेश राव ने एक आलसी का चिठ्ठा पर !

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आईये अब आपको एक ऐसे ब्लॉग से परिचय करवाते हैं जो संभवत: हिंदी में अनूठा और अद्वितीय है ब्लॉग का नाम है मिसफिट:सीधीबात, ब्लोगर हैं गिरीश बिल्लोरे मुकुल ….हिंदी ब्लॉगजगत में होने वाली हर गतिविधियों पर इनकी तीखी नज़र रहती है और हर आम व ख़ास ब्लोगर के मन की बात पाठको के समक्ष दृढ़ता के साथ परोसना इनकी आदत है !ये अपने ब्लॉग के बारे में बड़े फक्र से कहते हैं कि “जी हां !मिसफ़िट हूं हर उस पुर्ज़े की नज़र में जो हर जो हर ज़गह फ़िट बैठता हो.आप जी आप और आप जो मिसफ़िट हो वो मेरी ज़मात में फ़िट है !!”ऐसे ब्लोगर को अतुलनीय और अद्वितीय न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?ये हिंदी ब्लोगिंग में लाईव वेबकास्ट की प्रस्तुति करने वाले पहले ब्लोगर हैं !

रवीन्द्र प्रभात

और अंत में एक ऐसे ब्लॉग की चर्चा जहां पुराने भारतीय तस्वीरों को संकलित किया गया है,नाम है OLD INDIAN PHOTOS …..यह दुर्लभ ब्लॉग अंग्रेजी में है, किन्तु भारतीय सभ्यता-संस्कृति से जुडा होने के कारण भारतीयों को आकर्षित करता है ! उल्लेखनीय है कि इस ब्लॉग को तलाशने में श्री ललित शर्मा जी और श्री केवल राम जी का सहयोग रहा है, जो अभूतपूर्व है !

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ध्यान दें :

यहाँ मैं आपको एक स्पष्टीकरण दे दूं कि इस भाग में हास्य-व्यंग्य के साथ वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की चर्चा करते हुए हिंदी के एक विशिष्ट ब्लोगर से भी आपको मिलवाया, ऐसा इसलिए कि इस भाग के साथ विश्लेषण का कार्य पूरा हो रहा है, केवल एक भाग और प्रकाशित होना है जिसमें हम वर्ष के १०० महत्वपूर्ण ब्लोग्स,१०० परुष ब्लोगर्स,१०० नवोदित ब्लोगर्स और १०० महिला ब्लोगर्स के नाम की घोषणा करेंगे परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण के आधार पर ……!

…….जारी है विश्लेषण, मिलते हैं एक विराम के बाद

परिकल्पना ब्लॉग से साभार

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