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Archive for मई 15th, 2011

पश्चिम बंगाल में वामपंथी मोर्चा बुरी तरह से पूंजीवादी शक्तियों से पराजित हुआ है। सत्ता में आने के बाद वामपंथी मोर्चे ने किसान, खेत मजदूर सम्बन्धी बहुत सारे कार्य किये थे जिसके सहारे 34 वर्ष तक लगातार राज्य किया। जनता ने लगातार 34 वर्ष तक अपना मत व समर्थन बड़े धैर्य के साथ दिया। लेकिन वामपंथी दलों ने पूंजीवादी शक्तियों से लड़ने के लिये नयी तकनीक नहीं ईजाद की और न ही वैचारिक आधार पर जनता को शिक्षित ही कर पाए। सत्ता में रहने के साथ-साथ वामपंथी नेतागण भी पूंजीवादी विधर्म के शिकार हुए। जिसका नतीजा आज आया है। बंगाल में वामपंथी सरकार को हटाने के लिये सी.आई.ए से लेकर साम्राज्यवादी शक्तियां कई वर्षों से लगातार प्रयासरत थी। वहीँ वामदलों के नेता सत्ता में मदांत होकर 25 साल पहले किये गए कार्यों का ही राग अलापते रहे जबकि वामदलों को जनता की बुनियादी आवश्यकताओं के अनुरूप अपने कार्यक्रमों को नई दिशा देकर लागू करना चाहिए था। काडर से अगर जनता अपने को पीड़ित महसूस करे तो उस काडर को तुरंत नष्ट कर देना चाहिए। जब मोटी चर्बी होने लगे तब के लिये माओ त्से तुंग ने कहा था कि बम्बार्ड टू हेड क्वाटर ।
दूसरी तरफ वर्ग शत्रुवों ने पार्टी के अन्दर घुस कर वही विकृतियाँ पैदा कर दीजो विकृतियाँ पूंजीवादी दलों में होती हैं यू.एस.एस. आर की कम्युनिस्ट पार्टी इसका सबसे बड़ा उदहारण है कि कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव भष्मासुर गोरवा चेव हो गया जिसने सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी को ही ख़त्म कर दिया था।
वाम दलों को ईमानदारी आत्म चिंतन करने की जरूरत है। अपने वर्ग शत्रुवों को चिन्हित करने की आवश्यकता है । पार्टी के अन्दर भी वर्ग शत्रु घुस आये हैं उनका भी उपचार करने की आवश्यकता है। अमेरिकन साम्राज्यवादी शक्तियों का दुनिया में अगर कोई मुकाबला कर सकता है तो वह कम्युनिस्ट है।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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