इस वकील ने 20 साल पहले एक केस की पैरवी के दौरान जजों की तौहीन की थी। यह कुत्ता अदालत की परिसर में घुसने की कोशिश कर रहा था, तो वहां मौजूद एक जज को सालों पहले की एक घटना याद आ गई जब एक अन्य जज ने बदतमीज वकील को श्राप दिया था कि वह कुत्ते के रूप में पुनर्जन्म लेगा। जज को लगा कि कुत्ते में उसी श्राप दिए हुए वकील की रूह है और उसने उसे गिरफ्तार करवा कर सजा सुना दी।
कुत्ते को पत्थरों से मारने की सजा को लागू करने की जिम्मेदारी जज ने पड़ोस के बच्चों को सौंप दी। लेकिन सौभाग्य से सजा मिलने से पहले ही कुत्ता वहां से किसी तरह से भाग खड़ा हुआ। येरुशलम सिटी काउंसिल के मेंबर और सामाजिक कार्यकर्ता राशेल अज़ारिया ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी लिखकर जज के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जानवरों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने जज के खिलाफ पुलिस से शिकायत भी दर्ज कराई है।
नवभारत
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