
ज्योति बाबू ने अपने राजनीतिक कैरियर में त्याग, संघर्ष और कुर्बानी का जो जज्बा पैदा किया उसने हजारों युवाओं को शहरों से लेकर गांवों तक कम्युनिस्ट आंदोलन की कतारों में शामिल होने की प्रेरणा दी।इस तरह का प्रेरक संघर्षशील व्यक्तित्व विरल है। साम्प्रदायिक सदभाव और समानता की संवैधानिक समझ को उन्होंने राज्य प्रशासन के आम नजरिए में उतारकर नई मिसाल कायम की। वे साधारण मुख्यमंत्री नहीं थे,बल्कि क्षमता,विवेक और लोकतांत्रिक नजरिए के आदर्श प्रतीक थे वे लोकतंत्र के महान सपूत थे।लोकतंत्र में कोई कम्युनिस्ट जननायक हो सकता है यह चीज ईएमएस नम्बूदिरीपाद के बाद उन्होंने ही साबित की, इससे सारी दुनिया के मार्क्सवादियों को लोकतंत्र की ओर उन्मुख होने की प्रेरणा मिली।
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