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Archive for जनवरी 21st, 2013

कुछ विदेशी शक्तियों की कोशिश है कि भारत, चीन या पाकिस्तान से युद्ध करे और उसकी स्तिथि पाकिस्तान जैसी हो जाए। पाकिस्तान द्वारा उकसावे की कार्यवाहियां अक्सर की जाती है। देश के अन्दर बैठे हुए कथित राष्ट्रवादी तत्व युद्ध की ओर देश को अग्रसर करने की दिशा में ले जाने का प्रयास करते हैं। पाकिस्तान की सेना द्वारा दो भारतीय सैनिको के मारे जाने को लेकर युद्धौन्माद पैदा करने की कोशिश हुई। संसद में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आह्वाहन किया कि पाकिस्तानी सैनिको के दस सर लाओ जैसे बाजार से भिन्डी और गोभी खरीद कर लाना हो। वहीँ शिवसेना ने परमाणु बम पर धूल जमी होने की बात कही और उसका इस्तेमाल कब होगा और फिर देश में जगह-जगह धरना अनशन प्रदर्शन शुरू हो गए। पाकिस्तान की यह स्तिथि है कि लगभग प्रतिदिन विस्फोट होते हैं। निर्दोष नागरिक मारे जाते हैं। न्यायपालिका ने कार्यपालिका के प्रमुख का वारंट जारी कर रखा है। कनाडा निवासी पाकिस्तानी मूल का कादरी पाकिस्तानी संसद को घेरे बैठा है। सेना भी अपने दांव में है ऐसी स्तिथियाँ इस देश में विदेशी शक्तियां पैदा करना चाहती हैं जिससे देश आर्थिक रूप से कमजोर हो और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शासन सत्ता संभाली जा सके। बांग्लादेश युद्ध के समय बाजार से नमक से लेकर सभी आवश्यक सामग्रियों का अभाव हो गया था। देश के अन्दर बैठे हुए जमाखोर, मुनाफाखोरों ने खूब जमकर मुनाफा कमाया। जनता का गरीब तबका युद्ध की मार झेल नहीं पाया था। जो लोग राष्ट्रवाद का सबसे ज्यादा दम भरते हैं वही लोग देश में युद्ध के समय जमाखोरी, मुनाफाखोरी में लग जाते हैं। पूंजीवादी, साम्राज्यवादी शक्तियों का जीवन युद्ध में ही है। शांति उनको कब्रिस्तान की तरफ ले जाती है। पाकिस्तान को इन हरकतों को बंद करने के लिए कुटनीतिक राजनितिक प्रयास किये जाने चाहिए। युद्ध कोई विकल्प ही नहीं है। कारगिल के समय युद्ध हुआ था या घुसपैठियों को मार भगाया गया था। इस बात का स्पष्टीकरण उस समय तथाकथित राष्ट्रवादी ताकतों ने नहीं दिया था जबकि वही लोग सत्तारूढ़ थे और ताबूत घोटाला भी उसी समय में हुआ था।
देश के अन्दर भ्रष्टाचार, धन सम्पदा की लूट करने वाले लोग अपने ही लोग हैं। गरीबों के हिस्से का बहुसंख्यक आबादी का शोषण वही लोग करते हैं। जनता अगर धन-धान्य से भरपूर होगी और विदेशी शक्तियों के हाथ की कठपुतली हमारे लोग नहीं होंगे तो युद्ध करने की आवश्यकता नहीं होगी।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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