Feeds:
पोस्ट
टिप्पणियाँ

Archive for अगस्त, 2013

यासीन को प्लांट करने वाले खुफिया अधिकारी सुरेश की पूछताछ से खुलेगा आईएम का राज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों द्वारा आईएम के नाम पर फिरौती मांगना साबित करता है आईएम के नाम पर चल रहा फर्जीबाड़ा इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकी यासीन भटकल की नेपाल में हुयी गिरफ्तारी को सियासी नाटक करार देते हुए कहा गया है कि पूरा खेल आतंकी वारदातों में आईबी की संदिग्ध भूमिका पर उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने और आईबी की खो चुकी विश्वसनियता की पुर्नबहाली के लिए खेला जा रहा है। जिस यासीन भटकल को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बताया जा रहा है वह दरअसल आईबी का ही आदमी है जिसका इस्तेमाल खुफिया एजेंसियां इंडियन मुजाहिदीन नाम के कागजी संगठन का हव्वा खड़ा करने के लिए कई सालों से कर रही थीं और जब उसके अस्त्तिव पर चैतरफा सवाल उठने लगे तो यासीन भटकल को गिरफ्तार दिखा दिया।

अब्दुल समद और उनके चचाओं समेत घर के दूसरे सदस्यों ने कहा था कि उसका नाम यासीन भटकल नहीं बल्कि मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा है।भटकल में तैनात सुरेश नाम के खुफिया विभाग के अधिकारी ने मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा, रियाज भटकल, इकबाल भटकल, मौलाना शब्बीर समेत कई युवकों को पहले अपने झांसे में फंसाया और बाद में उन्हें यह डर दिखा कर कि वांटेड हो गए हैं
उन्हें भूमिगत हो जाने के लिए मजबूर कर दिया। दूसरी तरफ इन युवकों के बारे में खुफिया विभाग मीडिया में लगातार खबरें चलवाती रहीं। भटकल के तमाम लोगों ने उन्हें बताया कि खुफिया अधिकारी सुरेश जो अब मंगलूरू में तैनात हैं ने ही भटकल के नौजवानों को आईबी द्वारा गठित कथित आतंकी नेटवर्क को खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सचमुच आतंकवाद से लड़ने में गम्भीर है तो उसे सुरेश को गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए।
सुरेश की गिरफ्तारी और पूछ-ताछ इसलिए भी जरूरी है कि पिछले दिनों इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में भी खुफिया विभाग के अधिकारी राजेंद्र कुमार की आपराधिक भूमिका उजागर हो चुकी है जिसे जानबूझ कर केंद्र सरकार गिरफ्तार नहीं कर रही है क्योंकि इससे आईबी की आतंकी भूमिका उजागर हो जाएगी। दूसरी ओर इशरत जहां के साथ मारे गए जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई के पिता ने भी पिछले दिनों अहमदाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर के बताया था कि उनका बेटा आईबी के लिए काम करता था। यहां गौरतलब है कि इशरत समेत मारे गए चारों लोगों को लश्कर ए तैयबा का आतंकी बता कर मारा गया था।
आजमगढ़ नेता मसीहुदीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा कि यासीन के साथ आजमगढ़ के असदुल्ला के गिरफ्तार दिखाए जाने के बाद आजमगढ़ का मीडिया ट्रायल फिर से शुरू हो गया है और मीडिया साम्प्रदायिक भाषा में फिर से आजमगढ़ को बदनाम करने लगी है। उन्होंने कहा कि पहले मीडीया और आईबी के स्रोतों ने कभी तौकीर को आजमगढ़ माड्यूल का मास्टर र्माइंड बताती थी तो अब यासीन भटकल को आजमगढ़ का मास्टर माईड बता रही है। आजमगढ़ को आतंक की नसर्री के रूप में बदनाम करने वाली मीडिया और खुफिया एजेंसियों के गठजोड़ वाले माड्यूल को पहले तय कर लेना चाहिए कि कौन मास्टर माईंड है। क्योंकि हर कथित गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए शख्स को मीडिया और खुफिया एजेंसियां मास्टर माईंड और आजमगढ़ के माॅड्यूल का प्रमुख बताने लगती हैं। जिससे यह पुख्ता हो जाता है कि यह पूरा खेल खुद सरकार और मीडिया के एक हिस्से द्वारा संचालित है।
मोहम्म्द शुऐब ने कहा कि जिस तरह प्रधान मंत्री की सुरक्षा में लगे जवान और बीएसएफ के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा खुद को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बता कर नोएडा स्थित एक डाॅक्टर दम्पत्ति को धमकाने और तीस लाख रूपये की फिरौती मांगी गयी से
साफ हो जाता है कि पुलिस इस फर्जी आतंकी संगठन के नाम पर कैसे कैसे गुल खिला रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इंडियन मुजाहिदीन पर श्वेतपत्र लाने की मांग का।
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान पहले दिन यदि सपा सरकार ने निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं सौंपा तो विधान सभा का सत्र नहीं चलने दिया जाएगा।
इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि जिस तरह तेज बारिश और पुलिस के दबाव के बावजूद अवाम ने हिस्सेदारी की उससे साफ हो गया है कि मुसलमान और इंसाफ पसंद अवाम अब आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के वादे से मुकरने वाली सपा सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हो गयी है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !

Read Full Post »

भारत के राजनेता अमेरिकी नेताओं के जूतों में कीचड़ लग जाने पर उसको साफ़ करने में अपना गौरव समझते हैं उसी कड़ी में ध्वस्त अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचाने के लिए कई वर्षों से विभिन्न प्रकार की कोशिशें की जा रही थी जिसका लाभ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को होना शुरू हुआ है. रुपये को डॉलर के मुकाबले और झटका लगा। रुपया डॉलर के मुकाबले अबतक के सबसे निचले स्तर पर चला गया। शुरुआती कारोबार में बुधवार को अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 118 पैसे की गिरावट के साथ 67.42 प्रति डालर के न्यूनतम स्तर पर आ गया। एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। अभी और गिरावट होगी पहले बिकेगा सोना और फिर संसद।
शेयर मार्किट में सरकारी व इजारेदार कंपनियों द्वारा जुआ खेला जाता है. इस जुए की खास बात यह है कि जुआ विभिन्न बैंको व वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर ही खेल जाता है और हार जीत का परिणाम देश के मत्थे मढ़ दिया जाता है.
शेयर मार्किट में सिर्फ जुआ ही हो रहा है उद्योगिक उत्पादन, कृषि उत्पादन से इसका कोई सम्बन्ध नही है. उद्योगिक उत्पादन आयत और निर्यात से समझा जा सकता है. कितना हो रहा है सबको मालूम है ?
भारत को चाहिए कि तुरंत जिन देशों से उनकी मुद्रा व भारतीय मुद्रा में व्यापार हो सकता है व्यापार करना चाहिए। डॉलर की निर्भरता तुरंत ख़त्म करनी चाहिए। अमेरिकी साम्राज्यवाद की चापलूसी बंद करनी चाहिए क्यूंकि जब भी जनता को लाभ देने की बात उठती है विदेशी साजिश के तहत शेयर मार्किट डावांडोल होने लगता है कल्पित मुनाफा व कल्पित हानि से न कुछ बनता है न कुछ बिगड़ता है. हम समृद्ध हैं और शक्तिशाली हैं. हमारे राजनेता जरूर अमेरिकी साम्राज्यवादियों के नौकर हैं.

सुमन
लो क सं घ र्ष !

Read Full Post »

20-aug-mulyam
संसदीय चुनाव की मंडी में राम को पेश कर दिया गया है और राम के बहाने सपा भाजपा अपना खेल प्रारंभ कर दिए हैं और वोट का आधार सांप्रदायिक आधार बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है यह दोनों दल काफी पहले राम की मर्यादा को वोटों की मंडी में बेच चुके हैं और उसका लाभ भी उठाया है.
यात्रा की इजाजत के बहाने लिए ही विश्व हिंदू परिषद के सबसे बड़े नेता अशोक सिंघल के नेतृत्व में साधु संतों ने 17 अगस्त को मुलायम सिंह से मुलाकात की थी. अखिलेश यादव भी उस बैठक में मौजूद थे,वहीँ पर प्रदेश को आगामी संसदीय चुनाव की दृष्टि से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की योजना शुरू हो गयी थी. विश्व हिन्दू परिषद् आरएसएस भाजपा के पास उत्तर प्रदेश में कोई मुद्दा नहीं था इसलिए नूराकुश्ती शुरू हुई और एक मुद्दा ८४ परिक्रमा के बहाने पैदा किया गया. भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद् के किसी भी बड़े नेता में ये दम नहीं है कि वह दस किलोमीटर भी पैदल चल सके. राम को चुनाव का आधार बना कर दोनों पक्ष अपना अपना काम बनाने के फ़िराक में है.
चौरासी कोसी परिक्रमा के लिए अशोक सिंघल ने उत्तर प्रदेश सरकार को 10 अगस्त को चिट्ठी भी लिखी थी. इसके हफ्ते भर बाद मुलायम से मुलाकात हुई. मुख्य सवाल यह हैं कि किसी जुलुस प्रदर्शन की अनुमति जिला प्रशासन या मंडल स्तर के अधिकारी देते हैं न कि मुख्यमंत्री व उनका बाप देता है.
चौरासी कोसी यात्रा परम्परागत रूप से चैत्र पूर्णिमा से बैसाख की पूर्णिमा के बीच होती है. उस हिसाब से यह यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई के बीच हो चुकी है. ऐसे में विश्व हिंदू परिषद की प्रस्तावित यात्रा से एक नयी परम्परा की शुरुआत होती, जिसे अनुचित मानते हुए राज्य सरकार ने इसे निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. यह सरकार का बहाना है मुख्य बात यह है कि प्रशासनिक अमला जिसकी कोई रीढ़ नही है वह भी इस षड़यंत्र में मेली मददगार है.
आरएसएस के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख राम माधव ने कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ एक वर्ग के वोट के लिए हिंदू धर्म और संस्कृति पर लगातार हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्ता के नशे में पाबंदी लगाकर बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को कुचलने का काम किया है। संत-महात्माओं को अगर परिक्रमा करने से रोका गया, तो सरकार का सत्तामद चकनाचूर हो जाएगा। आर एस एस का हिन्दू धर्म संस्कृति से कोई लेना देना नहीं है सिर्फ धर्म के आधार पर जितना भी उपद्रव हो सके करना ही उसका काम है. आर एस एस का राजनितिक चेहरा भाजपा के रूप में मौजूद है तो उसको मुखौटा उतारकर सीधे सीधे राजनीती की बात करनी चाहिए और हिन्दू धर्म व संस्कृति को बदनाम करने का कार्य बंद कर देना चहिये.

सुमन
लो क सं घ र्ष !

Read Full Post »

Read Full Post »