जनपद बाराबंकी में वस्तुस्तिथि के विपरीत प्रभारी निरीक्षक अपने अधिकारीयों के ऊपर भारी पड़ रहे हैं। दिनांक 23 जनवरी को एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश अपर पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी निरीक्षक बदोसराय को दिया। लिखित आदेश थाना बदोसराय , बाराबंकी पहुँच गया, पीड़ित पक्ष ने प्रभारी निरीक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि विवेचना अधिकारी नहीं मिल रहा है इसलिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है . इस तरह की बहानेबाजी करके अपराधों का ग्राफ कम किया जा रहा है . मोटरसाइकिल व अन्य चोरियों को जी डी में दर्ज किया जा रहा है . अपराध असामान्य तरीके से बढे हैं पुलिस के प्रभारी निरीक्षक अपने उच्च अधिकारीयों के दिशा निर्देशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं . गलत तथ्यों का सहारा लेकर अधिकारीयों को गुमराह कर रहे हैं . जिसका ज्वलंत उदाहरण प्रभारी निरीक्षक थाना बदोसराय द्वारा की जा रही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न करने का मामला है . प्रभारी निरीक्षक बदोसराय के जवाब से यह लगता है कि २३ जनवरी २०१४ से अब तक कोई भी प्रथम सूचना रिपोर्ट उनके थाने में दर्ज नहीं हुई होगी . यदि कोई दर्ज भी हुई होगी तो उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह या पुलिस महानिदेशक या मुख्यमंत्री का आदेश रहा होगा . जनपद स्तर के अधिकारीयों को वह कुछ समझते ही नहीं हैं अन्यथा आदेश का अनुपालन अवश्य हुआ होता . अधिकांश प्रभारी निरीक्षकों की तैनाती उनकी कार्यकुशलता के आधार पर न करके राजनैतिक पकड़ कितनी मजबूत है, पर हुई है.
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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