
किसानों द्वारा 6 फरवरी को राष्ट्रव्यापी सड़क जाम –एंबुलेंस , ऑयल टैंकर स्कूल बसों मिल्क वॉटर दूध पानी टैंकर, वरिष्ठ नागरिकों को आवागमन छूट केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कानून विदेशी व घरेलू कारपोरेट को किसानों की जमीन व बाजार सौंपने की योजना है l किसानों के विरुद्ध केंद्र सरकार ने “युद्ध” का ऐलान कर दिया है और जनतांत्रिक मूल्यों के सारे मानदंडों को तबाह करते हुए निम्न स्तर पर सरकारी दमनlत्मक कार्यवाही को लागू कर दिया है l बढ़ती हुई महंगाई , बेकारी और आर्थिक कुशासन के चलते केंद्र सरकार किसानों पर एकतरफा कार्रवाई कर के अपने किले की रक्षा करना चाहती है आजाद भारत में दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर जिस प्रकार कंक्रीट के ब्लॉक खड़े किए गए हैं लंबे कटीले बुलेट तार युक्त लक्ष्य बिछाए गए हैं दीवार बन रही है और सड़क पर नुकीले की गाड़ दिए गए हैं यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक शर्मनाक स्थिति है l उक्त विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार “अनजान: ने कहा कि देश के राजनीतिक सत्ता केंद्र पर लगभग 70 दिन से लाखों किसान धरना देकर बैठे हैं और सारे देश के विभिन्न जिलों और कस्बों में लाखों लाख किसान प्रदर्शन कर कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करते हुए उसे समर्थन कानूनी जामा दिए जाने एवं तीनों कानून को वापस करने के लिए आंदोलनरत है l दिल्ली में धरना स्थल पर बिजली, पानी और इंटरनेट की सुविधाओं को केंद्र सरकार ने किसानों का मनोबल तोड़ने के लिए काट दिया है l केंद्र सरकार ने अब दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर किसानों के समर्थकों , को को आने से रोकने के लिए
फौलादी दीवार खड़ी कर दी है l लंबे कटीले ब्लेड व तार बिछा दिए हैं और सड़क पर 200 मीटर तक किले गाड़ दी गई है l यह सब एक जनतांत्रिक देश में अन्नदाता को और उसके मनोबल को तोड़ने के लिए किया जा रहा है l स्वामीनाथन आयोग के पूर्व सदस्य अतुल कुमार “अनजान” ने आगे कहा कि देश के किसान एवं अन्य जन संगठन 6 फरवरी को सारे देश में दोपहर 12:00 से 3:00 तक राष्ट्रव्यापी सड़क जाम करके सरकार और जनता का ध्यान आकृष्ट करेंगे l जाम के दौरान एंबुलेंस , स्कूल बस , ऑयल टैंकर , दूध टैंकर और वरिष्ठ नागरिकों को ले जा रहे हैं वाहनों को किसान कार्यकर्ता विशेष रूप से आवागमन की छूट देंगे l
उन्होंने आगे कहा कि देशभर में किसानों के समर्थन में पंचायत और महापंचायत का आयोजन किया जाएगा l जब तक सरकार किसानों के नैतिक एवं तर्कसंगत मांगों को स्वीकार नहीं करती , आंदोलन को जारी रखा जाएगा l