बाराबंकी। देश की जन विरोधी केन्द्र सरकार ने देश व देश की जनता को बरबाद करने पर उतारू है, चाहे किसान हो, मजदूर हो, छात्र हो, महिलाएं हो, बेरोजगार हों, गरीब हो, सबके अहित के लिए अभियान चला रखा है। किसानों की बरबादी के लिए कृषि कानून 2020 जबरन लागू कर रही है, जिसके विरोध में किसान दिल्ली की सीमाओं पर 80 दिनों से धरना दे रहे हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था चैपट है, बेरोजगारों को नौकरी नहीं है, पढ़ाई इतनी महंगी हो गयी है कि गरीब आदमी अपने बच्चों को नहीं पढ़ा सकता है, श्रमिक हित के कानून समाप्त किये जा रहे हैं। देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियां तेजी से अपने चहेते उद्योगपतियों को बेच रही है। देश की संस्थाओं की स्वायत्तता समाप्त हो चुकी है, सरकार इनका अपने विरोधियों को डराने और दबाने के लिए दुरूपयोग कर रही है। इसी तरह डीजल, पेट्रोल और एल0पी0जी0 सिलेंडर की कीमत भी आसमान छू रही है, जब देश में कच्चा तेल 150 डालर प्रति बैरल था तब डीजल 54 रूपये लीटर, पेट्रोल 80 रूपये लीटर तथा एलपीजी सिलेंडर 424 रूपये में था और अब कच्चा तेल 50 डालर प्रति बैरल है तब डीजल 80 रूपये, पेट्रोल 100 रूपये प्रति लीटर, एलपीजी सिलेंडर 780 रूपये तक पहुंच गया है, जिससे आमजन की रसोई पर विपरीत असर पड़ रहा है, डीजल के दामों की वृद्धि की वजह से देश में यातायात, कृषि क्षेत्र, ऊर्जा क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र में लागत बढ़ेगी, यातायात और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी, जिससे आम जनता का महंगाई से जीना दूभर हो जायेगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और मांग की कि- डीजल पेट्रोल पर सभी उपकर तत्काल हटाये जाये, पेट्रोलियम पदार्थ को वैट से हटाकर जी0एस0टी0 के दायरे में लाया जाये। तीनों काले कानून कृषि बिल रद्द किया जाये। एम0एस0पी0 की गारंटी का कानून बनाया जाये। किसान आन्दोलन में शामिल किसानों और आन्दोलन का समर्थन करने वालों को प्रताड़ित करना बंद किया जाये।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में रणधीर सिंह सुमन, सदस्य राज्य परिषद बृजमोहन वर्मा,जिला सचिव शिवदर्शन, सह सचिव प्रवीण कुमार कोषाध्यक्ष भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विनय कुमार सिंह,अध्यक्ष किसान सभा गिरीश चन्द्र, रामनरेश, आशीष शुक्ला, संदीप तिवारी, अंकुल वर्मा, श्याम सिंह ,गाजी अमान अधिवक्ता आदि थे।

