Archive for the ‘गीत चंदेल’ Category
कुछ डूबी सी उतराए…
Posted in गीत चंदेल on जून 14, 2009| Leave a Comment »
लज्जित हो मेरी लघुता
Posted in गीत चंदेल on जून 13, 2009| 2 Comments »
निराधार सपने टूटे,
क्रंदन शेष रहा मन का ।
भ्रमता जीव ,नियति रूठी,
परिचय पाषाण ह्रदय का॥
लज्जित हो मेरी लघुता ,
कोई नरेश बन जाए।
अधखुली पलक पंकज में,
जगती का भेद छिपाए॥
आशा की ज्योति सजाये ,
है दीप शिखा जलने को।
लौ में आकर्षण संचित
है शलभ मौन जलने को॥
क्रय कर ली अभिलाषाएं…
Posted in गीत चंदेल on जून 12, 2009| 1 Comment »
रसधार नही जीवन में…
Posted in गीत चंदेल on जून 10, 2009| Leave a Comment »
रसधार नही जीवन में ,
है निर्बल वाणी कहती।
अनुरक्ति यहाँ छलना है
मन आहात करती रहती॥
मृदुला में कटुता भर दी,
कटुता में भर दी ज्वाला।
वेदना विहंस बाहों की
दे डाल गले में माला॥
है बीच भंवर में चक्रित,
नैया कातर मांझी है।
काल अन्त निर्मम वियोग
वेदना विकल आंधी है॥
डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ‘राही’
अब अश्रु जलधि में दुःख के….
Posted in गीत चंदेल on जून 9, 2009| Leave a Comment »
साम्राज्य एक है मेरा ,
मधुमय बसंत पतझड़ है,
अब अश्रु जलधि में दुःख के,
आंसू की जलधारा में,
माधुरी समाहित होकर,
-डॉक्टर यशवीर सिंह ‘राही’
हर लहर लौट जाती है…
Posted in गीत चंदेल on जून 9, 2009| 1 Comment »
पथ कतिपय ललित कलाएं
सम्मोहन से भर देती।
निरश्य शून्य में भटके
छवि व्यथित जीव कर देती॥
अति विकल प्रतीक्षा गति ने
छाया को क्रम दे डाला ।
साँसों के क्रम में भर दी,
सम्पूर्ण जगत की ज्वाला॥
मन के द्वारे तक आकार
हर लहर लौट जाती है।
प्रति सुख की छाया को भी
वह राख बना जाती है॥
डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ”राही”
मेरे मानस की पीडा,, है मधुर स्वरों में गाती…
Posted in गीत चंदेल on जून 9, 2009| 1 Comment »
मेरा यह सागर मंथन…
Posted in गीत चंदेल on जून 8, 2009| Leave a Comment »
सुधियों की अमराई में ,
है शांत तृषित अभिलाषा।
कतिपय अतृप्त इच्छाएं
व्याकुल पाने को भाषा॥
मेरा यह सागर मंथन,
अमृत का शोध नही है।
सर्वश्व समर्पण है ये
आहों का बोध नही है॥
सुस्मृति आसव से चालक
पड़ता ,जीवन का प्याला।
कालिमा समेट ले मन में,
ज्यों तय आसवृ उजाला
डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ‘राही’
आडम्बर की चितवन से….
Posted in गीत चंदेल on जून 8, 2009| 1 Comment »
क्षिति से नभ का आलिंगन…
Posted in गीत चंदेल on जून 7, 2009| 2 Comments »