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Archive for the ‘"हमारा हिन्दुस्तान"’ Category

शंकर शैलेन्द्र -----------लोकसंघर्ष पत्रिका

शंकर शैलेन्द्र

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काहे के युवराज हो- क्या कर पाओगे

ग्रेटर नोएडा देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। ग्रेटर नोएडा के भट्ठा, परसौल गाँव में किसान आन्दोलन पर फायरिंग के पश्चात प्रदेश सरकार बलात्कार, नरसंहार, किसानो के घरो को आग लगाने का कार्य करती रही। वहीँ दिल्ली में बैठे हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, खबरिया चैनल व खुफिया तंत्र की रिपोर्टों को देखने के बाद भी चुप बैठे रहे। राहुल गाँधी के धरना पर बैठने के बाद प्रदेश सरकार ने यह घोषणा कर दी कि मंगलवार की रात को ही धारा 144 सी.आर.पी.सी वापस ले ली गयी थी और फिर राहुल गाँधी की गिरफ्तारी के लिये कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह के अनुसार धारा 144 समाप्त नहीं हुई थी और 151 सी.आर.पी.सी के तहत गिरफ्तार कर उनको रिहा कर दिया जाता है। इससे बड़ा महाझूठ सरकार का नहीं हो सकता है।
जब सरकारें लोकतंत्र, न्याय, समानता या अपने संवैधानिक दायित्वों को छोड़ कर अपराध में लिप्त हो जाती हैं तो उस समय आम आदमी की कीमत मच्छर से भी बदतर होती है। खबरिया चैनलों के सामने सरकार किसानो के घरों को जला रही थी, लूटपाट कर रही थी और किसी भी चैनल के संवाददाता की हैसियत नहीं थी कि सरकार के प्रतिनिधि पुलिस, पी.एस.सी के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर सके। राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने महिलाओं ने बलात्कार की भी बात कही है। सरकार ने राहुल गाँधी की एक भी मांग नहीं मानी। राहुल गाँधी कांग्रेस सांसद के साथ-साथ केंद्र में सरकार पर सत्तारूढ़ दल के महासचिव भी हैं। अगर वह वास्तव में किसानो को न्याय दिलाना चाहते हैं तो अविलम्ब केंद्र सरकार भट्ठा और पारसोल में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजें और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह तथा विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री बृजलाल के खिलाफ उक्त मामलों की प्राथमिकी दर्ज करा कर अविलम्ब कार्यवाई करें अन्यथा यह समझा जायेगा कि राहुल गाँधी भी एक राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं। जो इस देश के लोकतंत्र में बहुत सारे मदारी करते आ रहे हैं। यह कहना बहुत आसान है कि सरकार की दरिन्दिगी देख कर भारतीय होने पर शर्म आई। केंद्र सरकार तुरंत पहल करे।
लोकसंघर्ष की माननीय उच्चतम न्यायालय से प्रार्थना है कि किसानो के नरसंहार के मामले का स्वत: संज्ञान लेकर दोषी अधिकारीयों के खिलाफ जांच न्यायालय की निगरानी में कराये जिसे भारतीय लोकतंत्र में न्यायपालिका की गरिमा को नई उचाईयाँ मिल सके।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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असली देशभक्त ?

देश की सुरक्षा और अखंडता के बारे में आरएसएस बहुत चिंता प्रकट करता है। इसके लिए वह शिविर, महा शिविर आयोजित करता है और जन संपर्क अभियान चलता है। आरएसएस के अनुसार हमारे देश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई का एक पूरा जाल फैला हुआ है। जाहिर है आई.एस.आई हमारे देश में आपसी झगड़ों को हवा देकर गृह युद्ध जैसी स्तिथि पैदा करना चाहता है ताकि पूरा देश टुकडे-टुकडे हो जाए। पर आरएसएस स्वयं इस चुनौती का सामना करने के लिए क्या कर रहा है ये जानकर किसी का भी दिल दहल सकता है।
अगर देश को विखंडित करने का सपना संजोये आई.एस.आई यह चाहता है कि इस देश के लोग धर्म के नाम पर लड़ें ताकि उसको अपनी रोटियाँ सेकनें का मौका मिल सके तो आरएसएस बिलकुल इसी काम में जुटा है। आरएसएस से यह पूछा जाना चाहिए की क्या उसने 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराकर सारे देश की साम्प्रदायिकता की आग में नहीं झोका ? क्या ऐसा करके इसने आई.एस.आई जैसे देश विरोधी संगठनो के प्यान्दो की भूमिका नहीं निभाई ? देश के अल्प-संख्यकों के बारे में आरएसएस जो जहर फैलाता रहा है और फैला रहा है उसके चलते सबसे ज्यादा प्रसन्न केवल आई एस आई जैसे भारत दुश्मन संगठन ही हो सकते हें। आरएसएस किस तरह इस देश के विभिन सम्प्रदायों को लड़वाने में लगा है इसका अनुमान गोलवलकर के निम्नलिखित वक्तव्यों से अच्छी तरह लगाया जा सकता है।
गोलवलकर द्वारा 1939 में छपवाई गयी किताब वी आर अवर नेशनहुड डीफाइन्ड में हिटलर द्वारा प्रतिपादित नाजी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को महिमामंडित किया गया है। साथ ही इस देश के अल्पसंख्यकों के बारे में जो योजना बताई गयी है, वह इस देश का विखंडन चाह रहे किसी भी संगठन को प्रिय लगेगी।

आरएसएस को पहचानें किताब से साभार

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प्रिये दोस्तों और पाठको,
मैं “हमारा हिन्दुस्तान” के नए रूप पर काम कर रहा हूँ…..जो लगभग पूरा होने वाला है तो बहुत जल्द “हमारा हिन्दुस्तान” को आप एक नए रूप मे देखेगे…इसलिए अगर आप उसके रूप मे बार – बार बदलाव देखें तो चौंकियेगा नही क्यूंकि उसके रूप पर काम चल रहा है । आगे पढ़े…..

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