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Posts Tagged ‘मोदी’

मोदी ने अपने मुंह से अपनी पीठ थपथपाते हुए एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए 500 और 1000 रुपये के नोट का विमुद्रीकरण कर प्रचलन से वापस ले लिया और कहा कि काला धन हम वापस ला रहे हैं. वहीँ, दूसरी तरफ 22 अक्टूबर को मोदी ने वडोदरा में सभा संबोधित करते हुए उद्योगपतियों, काला धन के व्यापारियों को संकेत दे दिया था कि सरकार 500 और 1000 के नोट बंद करने जा रही है और 26 अक्टूबर 2016 को दैनिक जागरण अखबार ने इन नोटों के प्रचालन पर रोक लगाने की बात को प्रकाशित किया था. इसके अतिरिक्त काला धन के व्यापारियों को सरकार इस कदम उठाने की विधिवत सूचना थी और उन लोगों ने पहले से अपने धन को काले से सफ़ेद करने की व्यवस्था कर ली थी. दूसरा तर्क यह भी दिया गया कि फर्जी नोटों का चलन रोकने के लिए यह ज़रूरी था. मोदी जी को यह बात भली भांति मालूम है कि एटीएम ही फर्जी नोटों का प्रचार व प्रसार करते हैं और जब दो हज़ार रुपये के नोट आप जारी कर रहे हो तो आप काला धन इकठ्ठा करने वालों को विशेष सुविधा दे रहे हो. आप की नियत अगर साफ़ होती तो आप 2000 और 500 का नोट पुन: नहीं जारी करते. आपकी मंशा गलत है. आपको उद्योगपतियों और बड़े आदमियों को फायदा पहुंचाने की आपकी नीति है. क्या यह बात सही नहीं है कि बैंक अधिकारीयों ने नियोजित तरीके से सौ रुपये के नोट जनता में देने बंद कर दिए थे और एटीएम तक में जो सौ रुपये तक के नोट जारी होते थे वह बंद कर दिए थे और गरीब जनता – साधारण लोगों के पास 1000-500 के नोट पहुँच गए तब आपने उसका प्रचलन बंद कर दिया. एक 500 रुपये का नोट बदलने के लिए पूरा दिन आदमी बैंक के सामने लाइन में लगना पड़ रहा है. क्या यह बात आप नहीं जानते थे. हज़ारों लोग रुपया होने के बावजूद मर गए, लाखों लोग जेब में रुपया होने के बाद भी उनको भूखों रहना पड़ा. एक हज़ार रुपये की नोट 600 रुपये में लोगों को बेचनी पड़ रही है. 500 रुपये की नोट 250 से 300 में बिक रही है. आपके मंत्रिमंडल के कितने सदस्यों ने किसी बैंक के सामने खड़े होकर अपने रुपयों का विनिमय कराया है. आपकी नरभक्षी सोच ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है. लोगों को ठगने के लिए आपकी घोषणा करने से पहले तक 1000 और 500 रुपये के नोट एटीएम जनता को देता रहा. यह आपकी ठगी है या नहीं.
यह उदारहण गुवाहाटी के कुमारपारा इलाके के एक निवासी दीनबंधु ने अपनी बेटी की शादी के लिए मंगलवार को जमीन बेचकर यह धनराशि घर में रख ली थी लेकिन रात को 500 और 1000 के नोटों के चलन पर रोक की खबर सुनकर बेहोश हो गया। उसने उसी रात कई एटीएम में पैसे जमा कराने की कोशिश की लेकिन विफल रहा। वहीँ, दीनबंधु के परिवार के सदस्यों के अनुसार वह बहुत परेशान था और रात को बिना कुछ खाये सो गया। जब सुबह वह शौचालय के लिए जाने लगा तभी दिल का दौरा पड़ गया तथा मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.
इसी प्रकार बडे नोटों के बंद होने की घोषणा के बाद शिवसागर जिले के जीतू रहमान को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। रहमान ने अपने भाई की शादी के लिए विभिन्न स्रोतों से तीन लाख रुपये घर में जमा कर रखे थे
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के अस्पताल में 500 व 1000 के नोट न लेने के कारण मौत हो गई…वही विदेशियों ने कसमे खाई है कि अब इंडिया नही आएगे —उनके पास उचित नोट न होने के कारण भूखा तक रहना पड़ा है
आप सभी लोग डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और बैंकों का कम्प्यूटरीकरण कर रखा है. यह सब फर्जी बातें है बैंकों के अधिकांश शाखाओं में सर्वर नहीं काम कर रहे थे. आप ने कोई व्यवस्था नहीं कि अधिकांश बैंकों में 2 बजे रुपया समाप्त करके बैंकों ने ताला लगा दिया. कुछ बैंकों ने रुपया गिनने के नाम पर शाखाओं ने अन्दर से ताले लगा लिए.वही डाकघरों में कोई व्यवस्था ही नही की गई थी हो सकता हो ,बड़े शहरों में कुछ शाखाओ में व्यवस्था की गई हो कुल मिलाकर गरीब तबके का खून सिरिंज से निकाल कर पीने का काम आप लोग कर रहे थे. कोई व्यवस्था आपकी सही नहीं रही. सिर्फ अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने के अलावा. आपके वित्त मंत्री अरुण जेटली कह रहे थे कि आपकी इस योजना से ईमानदार लोग खुश हैं जबकि यह भी जुमला था. ईमानदार लोग आपको कोस रहे थे और बेईमान लोग खुश थे.
इनकी जान कौन वापस करेगा. लोगों को धर्म के नाम पर भड़काकर आप लोगों की जान ले रहे हैं और ठग रहे हैं. आप इस देश के अन्दर एक ठग व नरभक्षी प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा याद किये जाते रहेंगे.
वहीँ, जारी 2000 के नोट का कागज, डिजाईन, कलर चूरन वाले नोट की तरह है और लगता है की यह कमीशन खाकर नोट तैयार किये गए हैं. देश के अन्दर इस पूरी भागदौड़ के बाद एक पैसे का भी देश को फायदा नहीं होना है और बन्दर भाग से हज़ारों लोगों की जानें चली गयी हैं और कितनी जाएँगी वह समय बताएगा.
सुमन
लो क सं घ र्ष !

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प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में।  दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित कर स्वागत योग्य कदम उठाया गया।  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिया नवाज शरीफ भी आये और प्रधानमंत्री ने उनकी बेटी मरियम को उपहार भेजवाया। शांति और वार्ता से ही समस्याओं का समाधान होता है।  युद्ध से नहीं। इस कदम के बाद से बजरंग दल , शिवसेना, दुर्गा वाहिनी , श्री रामसेना, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् , विश्व हिन्दू परिषद् तथा मोदियानी हुए लोग अपने चेहरों के ऊपर कालिख की हलकी परत महसूस कर रहे थे। यह तथाकथित संगठन बेरोजगार महसूस कर रहे हैं , चिकन बिरयानी या हेमराज के बदले में दस सर पाकिस्तानियों के लाने वाले बाबु राजनाथ सिंह जब देश के गृह मंत्री हैं। अगर उनके अन्दर कहीं आत्मा  होती है।  तो उसने भी खिसियाया हुआ महसूस किया होगा। नवाज शरीफ साहब अगर केंद्र में अगर कांग्रेस शासित सरकार होती तो इनका स्वाभिमान, आत्म सम्मान, पौरुष, देश प्रेम , देश भक्ति, भारत माता की अखंडता, का शौर्य प्रदर्शन पूरे देश को देखने को मिलता। इन संगठनो के कार्यालय विभिन्न घटनाओं पर मुर्दाघर होते थे और किसी व्यस्त चौराहे पर किसी नेता उपनेता का पुतला लेकर उसका डाह संस्कार करने में लग जाते थे। प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के बाद इन चीजों के ऊपर विराम लगा है। सलवारी बाबा अपनी उपेक्षा से अपना मुँह छिपाकर अज्ञातवास में चले गए हैं. 
 मोदी कैबिनेट के 44 मंत्रियों ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है।  मोदी कैबिनेट में शामिल 44 मंत्रियों में 40 मंत्री करोड़पति हैं। मोदी मंत्रिमंडल के करीब 30 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।मोदी मंत्रीमंडल के करीब 13 मंत्रियों पर क्रिमिनल केस हैं। इनमें 8 मंत्री ऐसे हैं जिन पर हत्या की कोशिश, सांप्रदायिक असामंजस्य, अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। यह रिपोर्ट एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्सने जारी किया है।
चुनाव के वक्त बड़े-बड़े दावे करने वाले नवजवान व संघी अपना मुँह छिपाकर बैठ गए हैं।  फेसबुक या न्यू मीडिया पर बराबर अश्लीलता व अफवाह फ़ैलाने वाले लोगों की तनख्वाह बंद हो गयी है। इसलिए चुप्पी छाई हुई है। 
प्रधानमंत्री व उनके मंत्रिमंडल ने भारतीय संविधान के तहत शपथ ग्रहण की है यदि शपथ की मर्यादा उन्हें मालूम होगी तो निश्चित रूप से उसका पालन करेंगे। तभी विश्वास बढेगा अन्यथा खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे वाली स्तिथि में जो अपने को महसूस कर रहे हैं। यही  उन्हें भी महसूस होगा। 
 
सुमन 

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आज बाराबंकी कचेहरी में एक साहब आये और उन्होंने कहा कि मोदी जब सामान्य ज्ञान या इतिहास के ऊपर बोलते हैं तो वह गलत हो जाता है तो आप बताओ कि नरेंद्र मोदी कितना पढ़ा लिखा है ? मुझे कोई उत्तर नही सूझा साथ में दो पत्रकार भी बैठे हुए थे उनको भी यह जानकारी नहीं थी कि नरेंद्र मोदी ने स्कूल का मुंह देखा है या नही। फिर क्या था वह साहब कहने लगे कि भाई कुछ लोग देश का प्रधानमंत्री बनाने जा रहे हैं और आप लोगों को यह भी जानकारी नही हो पायी हैं कि मोदी पढ़ा लिखा है या साक्षर है। फिर उन्होंने हम लोगों के ऊपर धौंस ज़माने के लिए कहा कि मोदी जब कभी-कभी इंग्लिश के वाक्यांश का
प्रयोग करता है तो वह भी गलत-शलत होते हैं। उससे बढ़िया अंग्रेजी तो मैं बोल लेता हूँ।
उस शख्स के जाने के बाद मैं सोचने लगा। अगर भगत सिंह के अंडमान जेल में बंद होने की बात हमारे प्राइमरी स्कूल के उस समय के हेड मास्टर पंडित श्याम लाल के सामने कही गयी होती तो बेहया का डंडा पूरे शरीर के ऊपर कितने टूट जाते यह उस छात्र को भी नही मालूम होता। जूनियर हाई स्कूल के अध्यापक राजा राम यादव के सामने पटना में सिकंदर की बात किसी छात्र ने कही होती तो मास्टर साहब चटकना से लेकर उस छात्र के ऊपर पूरी तरह से घूसेबाजी कर दिए होते। यह सब साड़ी ग़लतफहमी मंचासीन कुछ पढ़े लिखे नेताओं और हजारो लोगों कि भीड़ के समक्ष होती रही और किसी भी नेता के मुंह से आह भी नही निकली जैसे कि वह लोग मोदी के व्यक्तिगत नौकर कि भूमिका में हो और बोलने पर नौकरी चले जाने का डर हो। स्मृतियों में खोकर बहुत सारी चीजें याद आने लगी और फिर हंसी।
वास्तव में कुर्सी का प्रेम सब कुछ छीन लेता है। बुद्धि और विवेक भी, मोदी तिरंगा-तिरंगा चिल्लाते हैं , राष्ट्रीय स्वाभिमान की बात करते हैं। उनके साथ बैठे हुए लोगों ने मंच पर जब मोदी गलत उवाच कर रहे होते हैं, तो पढ़े लिखे और संघ के सिद्धांतकार गुरु गोलवलकर , हेड़गवारकर की लिखी हुई किताबों और बातों को भूल जाते हैं। जिस संगठन का इस देश कि जंगे आजादी की लड़ाई से, संविधान से कोई वास्ता नहीं रहा है वह राष्ट्र और तिरंगे की बात प्रधानमंत्री पद का स्वघोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी करता है तो उनको कैसा लगता है।
आज सबसे पहले मोदी को अपनी पढाई लिखाई की जानकारी संपूर्ण राष्ट्र को देनी चाहिए साथ में यह भी बताना चाहिए कि उनकी रैलियों का खर्च कौन उठा रहा है अन्यथा यह समझा जायेगा कि कोई कार्पोरेट सेक्टर या विदेशी शक्ति लाखों करोडो रुपये खर्च कर मोदी को मुखौटा बना कर इस देश को कब्ज़ा करना चाहता है।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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