घाघरा नदी का गोंडा-बाराबंकी बोर्डर पर बना परसावल तटबंध टूट गया। परसावल, रायपुर, मांझा, कमियार, पसका, बांसगांव में अचानक तटबंध टूटने के कारण सैकड़ो लोग बह गए, करोडो रुपये की संपत्ति बर्बाद हो गयी पालतू जानवरों का कोई पुरसाहाल नहीं रहा। सरकार ने तीन अभियंताओ को निलंबित कर अपने को सुरक्षित कर लिया।
प्रतिवर्ष घाघरा नदी के किनारे बने तटबंधो की मरम्मत का कार्य सिचाई विभाग देखता है। मरम्मत करने के नाम पर करोडो रुपये के पत्थर कागजों पर नदी के किनारे लगा दिए जाते हैं और मिटटी बालू की बोरियों से उसको मजबूती प्रदान की जाती है और प्रतिवर्ष कोई न कोई तटबंध टूटता है और हजारों लोगों के परिवार बर्बाद हो जाते हैं। बाराबंकी जनपद में पहले सूखा होता है जिसका भी इन्तजार जिला प्रशासन बेसब्री से करता है और लाखों करोडो रुपयों का गोलमाल हो जाता है। फिर शुरू होता है बाढ़ की विनाशलीला जिसमें भी अधिकारियो और कर्मचारियों की लाटरी खुल जाती है। बाढ़ पीड़ितों की मदद जमीनी स्तर पर नहीं हो पाती है और कागजों पर मदद दर्ज होती रहती है। फिर अप्रैल माह से खेल शुरू होता है नदी के तटबंध आदि की मरम्मत का कार्य जिसमें बाढ़ की विनाशलीला की पृष्ठभूमि छिपी होती है। ये अधिकारी अभियंता जनता का भला नहीं कर सकते हैं यह सब निश्चित रूप से यमराज के दूत के रूप में ही कार्य करते हैं।
प्रतिवर्ष घाघरा नदी के किनारे बने तटबंधो की मरम्मत का कार्य सिचाई विभाग देखता है। मरम्मत करने के नाम पर करोडो रुपये के पत्थर कागजों पर नदी के किनारे लगा दिए जाते हैं और मिटटी बालू की बोरियों से उसको मजबूती प्रदान की जाती है और प्रतिवर्ष कोई न कोई तटबंध टूटता है और हजारों लोगों के परिवार बर्बाद हो जाते हैं। बाराबंकी जनपद में पहले सूखा होता है जिसका भी इन्तजार जिला प्रशासन बेसब्री से करता है और लाखों करोडो रुपयों का गोलमाल हो जाता है। फिर शुरू होता है बाढ़ की विनाशलीला जिसमें भी अधिकारियो और कर्मचारियों की लाटरी खुल जाती है। बाढ़ पीड़ितों की मदद जमीनी स्तर पर नहीं हो पाती है और कागजों पर मदद दर्ज होती रहती है। फिर अप्रैल माह से खेल शुरू होता है नदी के तटबंध आदि की मरम्मत का कार्य जिसमें बाढ़ की विनाशलीला की पृष्ठभूमि छिपी होती है। ये अधिकारी अभियंता जनता का भला नहीं कर सकते हैं यह सब निश्चित रूप से यमराज के दूत के रूप में ही कार्य करते हैं।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
nice
जब यह सब चलता रहता है तो तुम क्या करते रहते हो? बहुत कम्युनिस्ट बनते हो, लड़ो आगे आकर भ्रष्टाचार से तब जानें. फर्जी लोग.